सोमेश तिवारी
छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा तहसील मे आज गोटमार मेले का आयोजन किया जा रहा है। इसमें दो गांव के लोग एक-दूसरे पर पत्थर बरसाते हैं। जिसमें कई लोग घायल भी होते है और बीते सालों में कई लोगों ने जान भी गवां दी है।
पांढुर्णा में हर साल पत्थर बरसाने का इस खूनी खेल के पीछे एक दुखद प्रेम कहानी है, जिसका अंत खून से हुआ था, उसी की याद में यह खूनी खेल पांढुर्णा में खेला जाता है। मान्यता है कि सालों पहले पांढुर्णा के एक युवक को सांवरगांव की लडक़ी से प्रेम हो गया था, लेकिन यह प्रेम कहानी उनके परिवार वालों को रास नहीं आ रही थी, दोनों ही परिवार शादी के लिए राजी नहीं थे, ऐसे में आधी रात को युवक अपनी प्रेमिका के घर गया और उसे भगा लाया।
जैसे ही दोनों जाम नदी में पहुंचे तो लड़की और लड़के के परिवार वालों ने उन्हे रोकने का प्रयास किया और दोनों ही तरफ से पत्थर बरसने लगे। ऐसे में दोनों की यहां दर्दनाक मौत हो गई। इसी बात का प्रायश्चित यहां पर आज भी जारी है। लोग यहां पत्थर बरसाकर एक दूसरे का खून बहाने के लिए लालायित रहते है। अब तक 14 लोगों की मौत इस खूनी गोटमार में हो चुकी है।पांढुर्णा में मां चंडी का प्रसिध्द मंदिर है जहां पर पहले दोनों ही पक्षों के द्वारा पूजा की जाती है, बाद में दोनों ओर से पत्थरबाजी शुरू होती है। गोटमार मेला छिंदवाड़ा का पारंपरिक मेला है। प्रशासन ने घायल लोगों को उपचार के लिए एंबुलेंस और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जैसी तमाम व्यवस्था की है। धारा 144 प्रभावी रहेगी, किसी भी तरह की घटना ना घटे इसके लिए विशेष निगरानी सीसीटीवी कैमरे व ड्रोन से की जाएगी।