बुंदेलखंड में छतरपुर वन व्रत के सीएफ संजीव झा के खिलाफ भोपाल हुई गंभीर शिकायत

पंकज पाराशर छतरपुर
वन विभाग के बड़े अधिकारियों पर उनके ही सगे संबंधियों को निर्माण और प्रशिक्षण के काम देकर लाभ पहुंचाने के आरोप हैं। छतरपुर में सीसीएफ ने भवन का निर्माण का काम अपने भतीजे को देकर भुगतान कराया है तो वहीं पन्ना जिले के दक्षिण वन मंडल डीएफओ पर अपने भाई को बांस बिक्री और बहन को योगा प्रशिक्षण का काम के एवज में भुगतान करके लाभ पहुंचाने का आरोप है।
वन विभाग में निर्माण कार्य के लिए सिर्फ सामग्री खरीदी के लिए ही टेंडर आमं​त्रित करके फर्म से सामग्री की सप्लाई कराई जा रही है। इसके बाद वन विभाग के अधिकारी अपनी निगरानी में निर्माण कार्य कराने के साथ उनका भुगतान करते हैं। वन ​अधिकारियों की निगरानी में निर्माण होने के कारण ही वित्तीय अनिय​मितताएं हो रही हैं।
*सीएफ के भतीजे ले रहे ठेके*
आईएफएस अधिकारी संजीव झा, छतरपुर में मुख्य वन संरक्षक के पद पर पदस्थ हैं। उनकी कार्यशैली को लेकर नंदनी भोजक ने अपन मुख्य सचिव वन विभाग और प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख भोपाल को शिकायत की है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि संजीव झा ने अपने भतीजे दीपक झा को विरासत वन जिला छतरपुर के निर्माण कार्य में ठेका दिलाया गया है। 4 लाख रुपए का भुगतान भी कर दिया गया है। इसी प्रकार कुछ अन्य कार्यों के ठेके भी दीपक झा को दिए गए हैं।
*डीएफओ ने भाई बहन का पहुंचाया लाभ*
दक्षिण वन मंडल पन्ना के डीएफओ पुनीत सोनकर पर भाई बहन को लाभ पहुंचाने का आरोप है। मामले में वन मंत्री को शिकायत की गई है। शिकायत के अनुसार ग्रीन इंडिया मिशन के अंतर्गत वनपरिक्षेत्र मोहन्द्रा एवं कलदा में प्रशिक्षण का आयोजन उत्थान फाउंडेशन छिड़वाड़ा के द्वारा किया गया। उत्थान फाउंडेशन में डीएफओ सोनकर की बहन पूजा सोनकर पदाधिकारी हैं। इस संस्था को मनमाने दरों पर बिना कोई निविदा जारी किए प्रशिक्षण करवाकर वन समितियों के माध्यम से योगा के बहाने संस्था को भुगतान मोहन्द्रा वन रेंज से किया गया है। इसी तरह समितियों के माइक्रो प्लान तैयार कराने में भी ​बहन की हिस्सेदार पदाधिकारी को काम देकर समितियों के माध्यम से एनजीओ को बिना दर स्वीकृत किए भुगतान करवाया गया है। शिकायत में उल्लेख किया गया है कि डीएफओ के भाई धर्मेन्द्र सोनकर को वन मण्डल के अंतर्गत बांस बिक्री का काम देकर लाभ पहुंचाया गया है। बांस को कटवाकर सतना और राजस्थान भेजा गया है।
इन्होंने क्या कहा..अपने रिश्तेदारों, संबंधियों को कार्यक्षेत्र में स्वयं कार्य देना या अपने अधीनस्त से लाभ दिलाना सिविल सेवा नियमों का उल्लंघन है। मामले की जांच कराएंगे। गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। -असीम श्रीवास्तव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख, भोपाल।

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