नवरात्रि पर्व में करें इन 10 नियमों का पालन, आप पर प्रसन्न रहेंगी मां भगवती

【पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री 9993652408】
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✍🏻नवरात्रि पर्व 15 अक्टूबर से प्रारंभ हो रहे है, इस बार नवरात्रि का पर्व नव दिवसीय है, नवरात्रि का पर्वकाल मां दुर्गा देवी को प्रसन्न करने और माँ भगवती का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाता है ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि यदि आप भी इस वर्ष नवरात्रि का व्रत या पूजन रखना चाहते हैं, तो उसके व्रत, पूजन नियमों के बारे में जानना जरूरी है, नियमपूर्वक व्रत करने और सही विधि से पूजा करने से ही नवरात्रि के व्रत सफल होते हैं, नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा जी के नौ स्वरुपों की आराधना की जाती है, आइए जानते हैं नवरात्रि व्रत के नियमों के बारे में, ताकि आपको व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो और माता रानी की कृपा आपको मिल सके।
*नवरात्रि पर्वकाल के नियम*
*✍🏻1:-* ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि नवरात्रि के प्रथम दिन यानी आश्विन शुक्ल प्रतिपदा को कलश स्थापना या घटस्थापना करना चाहिए, कलश स्थापना के साथ हम मां दुर्गा जी का आह्वान करते हैं, ताकि मां दुर्गा हमारे घर पधारें और नौ दिनों तक हम उनकी विधि विधान से पूजा करें।
*2:-* कलश के पास ​एक पात्र में मिट्टी भरकर उसमें जौ बोना चाहिए, उसे नियमित जल देना चाहिए, जौ की जैसी वृद्धि होगी, उस आधार पर इस वर्ष के जुड़े संकेत आप प्राप्त कर सकते हैं, वैसे भी मान्यता है कि जौ जितना बढ़ता है, उतनी मां दुर्गा जी की कृपा होती है।
*3:-* यदि आप अपने घर पर मां दुर्गा का ध्वज लगाते हैं, तो उसे नवरात्रि में बदल दें।
*4:-* यदि आप नौ दिन व्रत नहीं रख सकते हैं, तो पहले और अंतिम दिन नवरात्रि व्रत रख सकते हैं।
*5:-* नवरात्रि के समय में कलश के पास मां दुर्गा जी के लिए अखंड ज्योति जलानी चाहिए, उसकी पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए।
*6:- नवरात्रि के पर्व समय में श्रीदुर्गा सप्तशती का पाठ करें, आप नहीं कर सकते हैं, तो किसी वैदिक ब्राह्मण की मदद ले सकते हैं।*
*7:-* नवरात्रि में लाल वस्त्र, लाल रंग के आसन का उपयोग करें।
*8:-* नवरात्रि पूजा के समय माता रानी को लौंग, बताशे का भोग लगाएं, तुलसी और दूर्वा नहीं चढ़ाएं। सिर्फ देवी जी को नही चढ़ाये।
*9:-* नवरात्रि पूजा में नियमित रूप से सुबह और शाम को मां दुर्गा देवी की आरती करें।
*10:-* मां दुर्गा जी को गुड़हल (जासोन) का फूल बहुत प्रिय होता है, संभव हो तो पूजा में उसका ही उपयोग करें, गुड़हल न मिले, तो लाल रंग के फूल का उपयोग करें।
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*✍🏻ज्योतिषाचार्य- पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री, संपर्क सूत्र:- 9993652408, 7828289428 Phone Pe, Google Pay, Paytm No.- 9993652408*

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