भारतीय नौसेना के बेड़े मे आईएनएस महेन्द्रगिरी शामिल

सोमेश तिवारी

मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) की ओर से निर्मित भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘महेंद्रगिरी’ को शुक्रवार 2 सितंबर को मुंबई में लॉन्च किया गया। लॉन्चिंग समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि यह उचित है कि युद्धपोत का लॉन्च मुंबई जैसे शहर में हुआ। ओडिशा में पूर्वी घाट में सबसे ऊंची पर्वत चोटी के नाम पर निर्मित यह युद्धपोत ‘परियोजना 17-ए’ के बेड़े के तहत निर्मित सातवां जहाज है। यह युद्धपोत उन्नत युद्धक प्रणालियों, अत्याधुनिक हथियारों, सेंसर और प्लेटफार्म मैनेजमेंट सिस्टम से लैस है।

धनखड़ ने कहा, ‘मुझे यकीन है कि लॉन्च के बाद ‘महेंद्रगिरी’ भारत की समुद्री शक्ति के दूत के रूप में समुद्र में पूरे गर्व से तिरंगा लहराएगा।’ उन्होंने कहा, ‘मैं पूरे विश्वास के साथ हमारे सुरक्षा बल को बधाई देता हूं। वे दुनिया की सुरक्षा के लिए व्यापक रूप से खुद को बेहतर बनाना जारी रखेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘सेना, नौसेना और वायुसेना में 10,000 से अधिक महिला कर्मियों की मजबूत उपस्थिति के साथ भारतीय सशस्त्र बल ने लैंगिक समानता की दिशा में भी काफी प्रगति की है।’
महेंद्रगिरी’ के लॉन्च को देश के समुद्री इतिहास में उल्लेखनीय मील का पत्थर बताते हुए उन्होंने कहा, ‘यह परियोजना 17-ए के तहत निर्मित नीलगिरि श्रेणी के युद्धपोत बेड़े का सातवां और आखिरी युद्धपोत है।’ उन्होंने कहा, ‘ आत्म निर्भरता की दिशा में हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता के तहत ‘नीलगिरि’ श्रेणी के उपकरणों और प्रणालियों के लिए 75 प्रतिशत ऑर्डर स्वदेशी कंपनियों को दिए गए।’ धनखड़ ने कहा कि ‘महेंद्रगिरी’ का लॉन्च नौसेना को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में की गई हमारे राष्ट्र की अतुलनीय प्रगति का उपयुक्त उदाहरण है।’ लॉन्च समारोह में महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उपस्थित थे।
कोमोडोर स्तर के एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय नौसेना की बहुत समय से प्रथा रही है कि नये जहाज के कमिशनिंग के समय ऋग्वेद के श्लोक का उच्चारण किया जाता है।
उन्होने बताया हमारा motto है
“शनो: वरुण”
ये भी पौराणिक मान्यताओं के कारण है।

Spread the love