सोमेश तिवारी
इंदौर
हाल ही मे झाबुआ एसडीएम को आदिवासी छात्राओं से छेडछाड के मामले मे सस्पेंड किया है और अब भ्रष्टाचार के आरोप मे देवास कलेक्टर ने एसडीएम प्रदीप सोनी को हटा दिया है। एसडीएम प्रदीप सोनी संदीप सोनी के छोटे भाई बताए जा रहे है जो पूर्व मे एआइसीटीएल इंदौर के सीईओ व एडिशनल कमिश्नर नगर निगम इंदौर रहे है और वर्तमान मे उज्जैन विकास प्राधिकरण के सीईओ व महाकाल मंदिर के प्रशासक है।
देवास सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लि. के सीईओ व एसडीएम प्रदीप सोनी , सीओओ सूर्यप्रकाश तिवारी, विश्वास ट्रांसपोर्ट के डायरेक्टर विजय गोस्वामी एवं प्रणय गोस्वामी द्वारा शासकीय धनराशि की क्षति शासन को पहुंचाई गई । इन चारों के विरुद्ध धारा 7. 13 ( 1 ) ए . 13 ( 2 ) भ्र.नि. अधि . 1988 ( संशोधन 2018 ) एवं भा.दं.वि. की धारा 409 , 420 एवं 120 बी के अंतर्गत लोकायुक्त पुलिस उज्जैन ने प्रकरण पंजीबद्ध किया है।
नगर निगम देवास के माध्यम से यात्री बसों के टेण्डर अमृत योजना के अंतर्गत निकाले गये थे तथा इसमें शासन की ओर से 40 प्रतिशत तक सब्सिडी का प्रावधान था।
नगर निगम देवास द्वारा विश्वास ट्रांसपोर्ट प्रा.लि. के यात्री बसों का टेण्डर स्वीकृत कर टेण्डर के निर्धारित मार्गों पर संचालन हेतु अनुमति दी गई थी परंतु विश्वास ट्रांसपोर्ट प्रा.लि. द्वारा अधिकारियों के साथ मिलकर टेण्डर में स्वीकृत मार्ग से भिन्न मार्गों पर यात्री बसों का संचालन किया जाने लगा तथा कुछ बसों को बेच दिया। इस शिकायत की जांच डीएसपी सुनील कुमार तालान को सौंपी गई। जांच के सत्यापन में पाया गया कि देवास सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लि. द्वारा आरएफपी के अनुसार टेण्डर जारी किये गये थे। इस टेण्डर में क्लस्टर 2 , 3 एवं 4 पर बसों के संचालन हेतु निविदाएं मांगी गई थीं। तीनों क्लस्टर की निविदाएं विश्वास ट्रांसपोर्ट को प्राप्त हुईं तथा कुल 39 बसों का संचालन 7 वर्ष हेतु इसके अंतर्गत किया जाना था । विश्वास ट्रांसपोर्ट को इसके लिये बसें क्रय करने पर कुल लागत की 34.2 प्रतिशत से 39.78 प्रतिशत तक वीजीएफ ( सब्सिडी ) प्राप्त हुई। इसके बाद विश्वास ट्रांसपोर्ट द्वारा वर्ष 2022 में 3 बसें विक्रय कर दी गई परंतु उनके स्थान पर 1 वर्ष से भी अधिक समय बीतने पर भी अन्य तीन बसें क्रय कर नहीं लगाई गई।
इस कम्पनी द्वारा अनेक बसों का मार्ग परिवर्तन सीईओ एवं सीओओ से अनुमति लेकर बदल दिया गया जबकि वे अनुमति देने हेतु सक्षम नहीं थे। उल्लेखनीय है कि इस टेण्डर के बदले देवास सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लि. को वार्षिक प्रीमियम शून्य रुपये प्राप्त हो रही है। बसों के मासिक पास भी जारी नहीं किये गये। बसों पर विज्ञापन का टेण्डर भी जारी नहीं किया गया जिससे नगर निगम की कंपनी को आय हो सकती थी। स्पेअर बस को पिकनिक / टूर आदि का परमिट लेकर चलाया गया जिसकी अनुमति नहीं थी। क्लस्टरों की अधिकांश बसों के रूट में परिवर्तन की अनुमति दे दी गई जिससे वे व्यस्त रूटों पर बसों का संचालन करने लगे। कुछ बसों पर अनुमति के बिना दूसरे ऑपरेटर का नाम लिख दिया गया तथा शासन की योजना से संबंधित चिन्ह भी हटा दिये गये जो अनुमति के अनुसार नहीं थे ।इस प्रकार 3 बसों के विक्रय पर उन पर दी गई सब्सिडी 23,86,800 रुपये का दुरुपयोग विगत 1 वर्ष से किया जा रहा था।