प्रतीक पाठक, नर्मदापुरम
राम मंदिर का सपना देखने वाले राम भक्तों के उत्साह और आनंद का दिन नजदीक आ रहा है। जब 22 जनवरी को रामलला गर्भगृह में विराजेंगे, यह सपना पीढिय़ों से लोगों की आंखों में तैर रहा था। कई तो ऐसे हैं जिन्होंने मंदिर में रामलला को विराजमान देखने के लिए कई प्रकार से व्रत और संकल्प ले रखे हैं। ऐसे ही एक रामभक्त मुकेश मीना निवासी बाबई जो कि वर्तमान में शहर के पंडित रामलाल शर्मा विद्यालय में सुरक्षा कर्मी की नौकरी कर रहे है मुकेश मीना जिन्होंने संकल्प लिया था कि जब तक अयोध्या में भगवान राम का मंदिर और रामलला की स्थापना नहीं हो जाती तब तक मैं राम-राम लिखता रहूंगा और आगे भी लिखता रहूंगा । श्री मीना ने बताया कि मैं कापी में राम नाम सीताराम लिखता आ रहा हूं जो मुझे लगभग 5 दशक और बाल अवस्था से ही कागजों पर लाल पेन से पुस्तक पर भगवान राम राम लिखता चला आ रहा हूं। मेरा संंकल्प था तो ईश्वर उसे भी पूरा करने जा रहे हैं। आज भगवान राम का मंदिर बन गया है। मेरा पूरा संकल्प पूर्ण हो गया है ।