गीता जयंती महोत्सव पर हुए श्रीमद् भागवत गीता पर प्रवचन

प्रतीक पाठक
नर्मदा पुरम।
सेठानी घाट तिलक भवन में तीन दिवसीय गीता जयंती महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। इस महोत्सव के ज्ञान सत्र में ऋषिकेश से महामंडलेश्वर श्री स्वामी अभिषेक चैतन्य गिरि जी महाराज ने केंद्रीय विषय श्रीमद भगवद गीता और जीवन मुक्ति पर प्रवचन करते हुए कहा कि ” श्री मधुसूदन सरस्वती अद्वितीय विद्वान हुए । वे शंकराचार्य जी भी परंपरा के विद्वान रहे हैं । वे गीता की स्थिति, प्रार्थना करते हैं । वे गीता ध्यान की व्याख्या करते हुए कहते हैं कि भगवान का ह्रदय ही गीता है । इसमें बैठने वाली ब्रह्म विद्या सबका कल्याण करने वाली है । वे गीता को मां कहते हैं वे मां की व्याख्या करते हुए कहते हैं कि गीता मां इस संसार से छुड़ाने वाली है , हे मां मैं तुम्हारे एक-एक श्लोक का अनुसंधान ध्यान निदिध्यासन करता हूं। ईश्वरः सर्वभूतानां – ईश्वर हर प्राणी के हृदय में रहते हैं उसे ईश्वर के हृदय में गीता है। प्रत्येक प्राणी द्वैत से पीड़ित है , हर एक स्थान पर द्वंद व्यक्ति का पीछा करता है , इससे छूटने का एकमात्र उपाय भगवद्गीता बताती है। गीता मां इस तीन दिवसीय ज्ञान सत्र में आपका अनुसंधान कर रहे हैं ,जिस तरह आपने अर्जुन के जीवन में नव चेतना का संचार कर दिया वैसे ही आप हमें भी इस संसार से द्वेष से, राग से मुक्त कर दो। ऐसा निवेदन पूज्य महाराज श्री ने प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि गीता उसके बाद ही जीवन को परिवर्तित कर सकती है, जो उसका अनुसंधान कर सके श्रवण के बाद यदि श्रोता की बुद्धि परिवर्तन नहीं होती तो वक्ता केवल मनोरंजन का साधन बन जाता है। अतः ध्यान पूर्वक और आदर पूर्वक इसका लाभ लें । कार्यक्रम के प्रारंभ में पूज्य स्वामी जी द्वारा गीत गायक भगवान श्री कृष्ण के चित्र पर माल्यार्पण किया गया । कार्यक्रम में भवानी शंकर शर्मा , गिरिजा शंकर शर्मा आचार्य पं सोमेश परसाई , राकेश फौजदार , आशीष अग्रवाल , सुलभ अग्रवाल , अजय सैनी , रामसेवक शर्मा , शिव दीक्षित सहित श्रद्धालु उपस्थित हुए। कार्यक्रम के प्रारंभ में ऋषि कुल की संस्था के छात्रों द्वारा गीता पाठ किया गया । भजनाञ्जंली में कु सौम्या कौशिक द्वारा भजन की प्रस्तुति दी गई । संगत पं राम परसाई एवं आनंद नामदेव ने की।

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