प्रतीक पाठक, नर्मदापुरम
फर्जीवाड़ा करने वालों ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) में ही सेंध लगा दी। फर्जी नंबर प्लेट तैयार करने का काम आनलाईन खुल कर हो रहा है आरटीओ के अधिकारियों की नींद कब टूटेगी। आन लाईन लिंक करने के बाद फर्जी नंबर प्लेट बनाने वाला गिरोह सक्रिय हो जाता है मगर इसको रोकने के लिए आरटीओ विभाग ने कोई सख्त कदम नही उठाये है। प्लेट जल्दी लगवाने के लिए आटोमोबाइल शोरूम कर रहे कमाई। निर्धारित फीस से 2 गुना तक हो रही वसूली। लोगो का कहना है कि शोरूम इसी बात का फायदा उठा कर नंबर प्लेट लगाने के लिए आनलाईन प्लेट की फीस के साथ 200 से 500 रुपये अधिक ले रहे है। रसीद मांगने पर लोगो को रसीद नही देते ।
आरटीओ विभाग के चहते अपनी मनमर्जी से अपने चहतो को जन सुविधा केंद्र खुलवाकर रखे हैं। और आरटीओ से जुड़े हर काम का इन केंद्रों पर ठेका लिया जाता है। क्या जिलाधिकारी इन पर कार्यवाही कर पायेगेें ? लोगो की माने तो आरटीओ में फर्जीवाड़े का खेल लंबे समय से चल रहा है। तृतीय वर्ग कर्मचारी और अपने चहेते लाईसेंस और फिटनेस काम देख रहे है और अपने काम को अंजाम दे रहे है। कुछ समय पूर्व फर्जी लाईसेंस और फिटनेेस बनाने का मामला सामने आया था। फर्जीवाड़े के खुलासे मे फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस का फंडाफोड़ हुआ था और पूरे संभाग में हडकंप मजा था।
परिवहन विभाग में सैकड़ों की संख्या में फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस भी बनाए गए। अभी भी कई लाइसेंस का रिकॉर्ड विभाग के रजिस्टर में नहीं मिलता है क्योंकि उनकी फीस जमा नहीं हुई थी। इस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है क्योंकि इसमें विभाग के कर्मचारी फंस रहे थे।