【पं.नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री 9993652408】
==========================
✍🏻ज्योतिष शास्त्र के अनुसार धनु और मीन राशि के स्वामी बृहस्पति होते हैं, इनमे ग्रह राज सूर्य के आते ही खरमास प्रारंभ होता है, इसलिए इस समय कुछ शुभ काम नहीं किए जाते हैं ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि खरमास इस बार 16 दिसंबर से प्रारंभ हो जाएगा इसलिए 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक धनु संक्रान्ति जनित खरमास दोष रहेगा।
*इस एक महीने के समय में भगवान की आराधना करने का विशेष महत्व है:-* धर्मग्रंथों के अनुसार, इस मास में सुबह सूर्योदय के समय उठकर उगते सूरज को जल चढ़ाएं और भगवान का स्मरण करना चाहिए। इससे भगवान की कृपा बनी रहती है।
*खरमास में भगवान विष्णु और सूर्य पूजा*
ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि इस महीने में तीर्थ स्नान, दान के साथ घरों और मंदिरों में भगवान की कथा करवाने का विधान है। खरमास के दौरान भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। पुराणों में बताया गया है कि खरमास के दौरान गौदान और ब्राह्मण भोजन करवाने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। खरमास में सूर्य पूजा करने की भी परंपरा है। इस महीने में जब सूर्य धनु राशि में रहता है तब सूर्य को अर्घ्य देने और प्रणाम करने से बीमारियां दूर होती हैं और उम्र भी बढ़ती है। खरमास में भगवान श्रीकृष्ण का भी अभिषेक किया जाता है।
*खरमास में दान*
ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि जब सूर्य धनु राशि में रहता है तब ऊनी कपड़ों का दान करने का विधान है। सूर्य के धनु राशि में रहते वक्त हेमंत और शिशिर ऋतु होती है। इस समय गर्म कपड़ों के साथ ही अन्न, जूते-चप्पल, गुड़, तिल और बाजरे का दान करने की परंपरा है। इस महीने अपनी कमाई से कुछ अंश जरूर दान करना चाहिए। गौ, भूमि, स्वर्ण, घी, वस्त्र, धान्य, गुड़, चांदी, नमक या शहद का दान करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।