MP में सामान्य से नौ फीसदी अधिक बारिश, नदी-नाले उफान पर, 11 जिलों में भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट

भोपाल। दो-तीन दिन की सुस्ती के बाद प्रदेश में मानसून की सक्रियता एक बार फिर बढ़ गई है। भोपाल, सीधी, नर्मदापुरम, रायसेन समेत कई शहर बारिश से तरबतर हैं। पश्चिम बंगाल के आसपास एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। इसके अलावा अलग-अलग स्थानों पर चार मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं।

मौसम विज्ञानियों के मुताबिक कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण प्रदेश के विभिन्न जिलों में बारिश का सिलसिला बन गया है। ऐसे में शुक्रवार को विदिशा, रायसेन, शिवपुरी, सीधी समेत अनेक जिलों में भारी बारिश होने के आसार हैं। बता दें कि इस सीजन में एक जून से लेकर एक अगस्त की सुबह साढ़े आठ बजे तक 500.3 मिमी. वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य बारिश (460.5 मिमी.) की तुलना में नौ प्रतिशत अधिक है।

डैम के गेट खोले

शुक्रवार को भारी बारिश के चलते भोपाल, नर्मदापुरम में डैम के गेट खोले गए। भोपाल में शुक्रवार सुबह कोलार डैम के 4, कलियासोत के 8 और भदभदा डैम के चार गेट खोले गए। वहीं नर्मदापुरम में नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ने से तवा डैम के 5 गेट खोले गए।

राजधानी से सटे सीहोर जिले में लगातार हो रही भारी वर्षा को दृष्टिगत रखते हुए कोलार डैम का वाटर लेवल मेंटेन रखने के लिए कोलार डैम के चार गेट शुक्रवार सुबह खोल दिए गए। कोलार परियोजना की कार्यपालन यांत्रिक हर्षा जैनवाल ने जानकारी दी कि दो गेट पहले ही खोल दिए गए थे। दो गेट बाद में खोले गए। इस प्रकार कोलार डैम के चार गेट कुल 7 मीटर खोल दिए गए हैं। कलेक्टर प्रवीण सिंह तथा कार्यपालन यंत्री हर्षा जौनवाल ने नागरिकों से अपील की है कि वे कोलार नदी, कोलार नहर तथा बांध प्रभावित क्षेत्र में नहीं जाएं तथा किसी प्रकार की गतिविधि नही करें।

इन जिलों में भारी बारिश के आसार

मौसम विभाग के मुताबिक शुक्रवार को विदिशा, रायसेन, शिवपुरी, सीधी, मऊगंज, कटनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, छतरपुर, मैहर जैसे जिलों में भारी बारिश हो सकती है। इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

इन जिलों के लिए येलो अलर्ट

इसके साथ-साथ भोपाल, सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, खंडवा, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, गुना, अशोकनगर, मुरैना, श्योपुरकलां, सिंगरौली, रीवा, सतना, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, दमोह, सागर, टीकमगढ़, निवाड़ी, पांढुर्णा जिलों में भी गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। बुरहानपुर, खरगौन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, देवास, आगर, मंदसौर, नीमच, ग्वालियर, दतिया, भिंड जिलों में भी कहीं-कहीं तेज बारिश हो सकती है।

कहां, कितना बरसा पानी

मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले चौबीस घंटों के दौरान शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे तक सीधी में 91.8, नर्मदापुरम में 90.4, पचमढ़ी में 86.2, भोपाल में 85.2, रायसेन में 79.4, सतना में 75.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई। अन्य जिलों में भी मध्यम से हल्की वर्षा हुई।

ये वेदर सिस्टम सक्रिय

मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिम बंगाल के गांगेय क्षेत्र और उससे सटे बांग्लादेश पर चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव में गांगेय पश्चिम बंगाल और उससे सटे झारखंड पर एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। इससे संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 7.6 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। इसके पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ने और अगले 24 घंटों के दौरान और अधिक तीव्र होने की संभावना है।
मानसून द्रोणिका अब श्रीगंगानगर, हिसार, दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी, डाल्टनगंज, गांगेय पश्चिम बंगाल और उससे सटे झारखंड पर कम दबाव वाले क्षेत्र के केंद्र से होकर दक्षिण-पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी तक फैली है। पूर्वोत्तर राजस्थान और आसपास के इलाकों पर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। पंजाब और आसपास के इलाकों पर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है।
दक्षिण गुजरात से केरल तट तक औसत समुद्र तल पर अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है। पूर्वोत्तर अरब सागर और उससे सटे सौराष्ट्र के ऊपर समुद्र तल से 4.5 किमी ऊपर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है, जो ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका हुआ है।
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