भोपाल। दो-तीन दिन की सुस्ती के बाद प्रदेश में मानसून की सक्रियता एक बार फिर बढ़ गई है। भोपाल, सीधी, नर्मदापुरम, रायसेन समेत कई शहर बारिश से तरबतर हैं। पश्चिम बंगाल के आसपास एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। इसके अलावा अलग-अलग स्थानों पर चार मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं।
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण प्रदेश के विभिन्न जिलों में बारिश का सिलसिला बन गया है। ऐसे में शुक्रवार को विदिशा, रायसेन, शिवपुरी, सीधी समेत अनेक जिलों में भारी बारिश होने के आसार हैं। बता दें कि इस सीजन में एक जून से लेकर एक अगस्त की सुबह साढ़े आठ बजे तक 500.3 मिमी. वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य बारिश (460.5 मिमी.) की तुलना में नौ प्रतिशत अधिक है।
डैम के गेट खोले
शुक्रवार को भारी बारिश के चलते भोपाल, नर्मदापुरम में डैम के गेट खोले गए। भोपाल में शुक्रवार सुबह कोलार डैम के 4, कलियासोत के 8 और भदभदा डैम के चार गेट खोले गए। वहीं नर्मदापुरम में नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ने से तवा डैम के 5 गेट खोले गए।
राजधानी से सटे सीहोर जिले में लगातार हो रही भारी वर्षा को दृष्टिगत रखते हुए कोलार डैम का वाटर लेवल मेंटेन रखने के लिए कोलार डैम के चार गेट शुक्रवार सुबह खोल दिए गए। कोलार परियोजना की कार्यपालन यांत्रिक हर्षा जैनवाल ने जानकारी दी कि दो गेट पहले ही खोल दिए गए थे। दो गेट बाद में खोले गए। इस प्रकार कोलार डैम के चार गेट कुल 7 मीटर खोल दिए गए हैं। कलेक्टर प्रवीण सिंह तथा कार्यपालन यंत्री हर्षा जौनवाल ने नागरिकों से अपील की है कि वे कोलार नदी, कोलार नहर तथा बांध प्रभावित क्षेत्र में नहीं जाएं तथा किसी प्रकार की गतिविधि नही करें।