भोपाल। पेरिस ओलंपिक खेलों की समापन के बाद अब पैरालंपिक में दम दिखाने के लिए भारतीय खिलाड़ी तैयार हैं। 28 अगस्त से आठ सितंबर के बीच पेरिस पैरालंपिक गेम्स खेले जाएंगे। इसमें भोपाल में रहकर जूडो सीखने वाले सीहोर जिला निवासी कपिल परमार भी देश को पदक दिलाने के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे। प्रदेश के लाल कपिल परमार की कहानी भी दर्दभरी है।
खेत में काम करते समय लगा था करंट, अब पैरालंपिक में कमाल दिखाएगा मप्र का लाल

जब वह मात्र 15 वर्ष के थे, तब खेत में काम करने समय उन्हें विद्युत करंट का जोरदार झटका लग गया था, जिससे रेटिना खराब हो गया था। इस वजह से वह मात्र 20 प्रतिशत ही देख पाते हैं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी कमजोरी को ताकत बनाकर मेहनत की।
आज वह देश के लिए जूडो में बड़ा नाम हैं और पैरांलिपिक में देश के लिए पदक की उम्मीद भी हैं। उनके चाहने वालों को उनसे स्वर्ण पदक की उम्मीद है। वह दुनिया में नंबर दो रैंक के पैरा जूडो खिलाड़ी हैं। कपिल के अनुसार उनके इस सपने को पूरा करने के लिए उनके पिता ने मजदूरी, हम्माली और टैक्सी चलाने का काम भी किया।
कपिल परमार के अनुसार, 2009 की बात है। खेत में जगह-जगह पानी भरा हुआ था। जैसे ही वह पानी की मोटर चालू करने के लिए खेत में गए, उन्हें करंट लग गया। करंट इतना तेज था कि उनके हाथ की उंगलियां तक आपस में चिपक गई थीं। आज भी दो-तीन उंगलियां ऊपर नहीं होती हैं।
करंट लगने के दो वर्ष बाद उन्हें चश्मा लग गया। फिर उन्होंने मां से बोला कि मुझे दिखाई नहीं देता और सिर भी दर्द करता है। मां उन्हें डाक्टर के पास ले गई, जहां हाई पावर का चश्मा लगाने की सलाह मिली। इसके बाद उन्हें थोड़ा साफ दिखाई देने लगा और सिर दर्द कम हो गया। इसके बाद उनके चश्मे का नंबर बढ़ता गया। कुछ वर्षों बाद चश्मा भी उतर गया। इसके बाद उन्हें थोड़ा-बहुत ही दिखाई देता था। रात में बिल्कुल भी दिखाई नहीं देता था। फिर भोपाल में उन्हें ब्लाइंड जूडो के बारे में जानकारी लगी।
कपिल राजधानी भोपाल आकर लालघाटी स्थित श्री ब्लिस मिशन फार पैरा एंड ब्राइट संस्था में 2017 से कोच प्रवीण भटेले के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण प्राप्त करने लगे। समय के साथ उनके खेल में निखार आता गया और राष्ट्रीय पर अच्छा प्रदर्शन करने लगे। सुविधाओं की कमी होने लगी तो मप्र खेल विभाग के तात्या टोपे स्टेडियम में आकर जूडो का खास प्रशिक्षण लिया। इसके बाद कपिल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने लगे। कपिल इन दिनों लखनऊ में स्थापित इंडियन ब्लाइंड एंड पैरा जूडो एसोसिएशन में प्रशिक्षण लेते हैं, जहां कोच मुनव्वर अंजार अली सिद्दकी उन्हें प्रशिक्षित करते हैं।
कपिल परमार को पहचान 2023 में मिली, जब उन्होंने चौथे एशियन पैरा गेम्स में देश को 60 किग्रा वर्ग जेएक केटेगरी में देश को रजत पदक दिलाया। इसके बाद वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले। मोदी ने उन्हें बधाई दी। इससे पहले कपिल ने कॉमनवेल्थ जूडो चैंपियनशिप-2019 में स्वर्ण, आईबीएसए जूडो ग्रांड प्री-2022 में कांस्य, आईबीएसए जूडो टोक्यो इंटरनेशनल ओपन टूर्नामेंट- 2022 में स्वर्ण पदक जीतकर अपने इरादे जाहिर कर दिए थे। इसके बाद उन्होंने आईबीएसए जूडो ग्रांड प्री-2023 में स्वर्ण पदक जीता। आईबीएसए जूडो एशियन चैंपियनशिप-2023 में व्यक्तिगत में रजत व पुरुष टीम चैंपियनशिप में कांस्य पदक प्राप्त किया। कपिल ने अभी तक दस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं खेली हैं, जिसमें नौ में पदक जीते हैं। विश्व में दूसरे नंबर के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं।