महिला एवं बाल विकास विभाग के 3 अधिकारियों को लापरवाही बरतने पर किया निलंबित

भोपाल :
संभागायुक्त भोपाल ने बाल गृह आंचल के अवैध संचालन में लापरवाही पर महिला एवं बाल विकास विभाग के 3 अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया है। ग्राम तारासेवनियां जिला भोपाल में संचालित आंचल चिल्ड्रन होम के संबंध में जिला प्रशासन के द्वारा जांच की गई और जांच में पाया गया कि संस्था किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम-2015 एवं आदर्श नियम-2016 के मापदण्डों के अनुसार संचालित होना नहीं पायी गयी। उक्त चिल्ड्रन होम, का किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम-2015 की धारा 41 अन्तर्गत पंजीकरण / मान्यता नहीं है। यह संस्था वर्ष 2020 से संचालित है।
उक्त संस्था के चिल्ड्रन होम की किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 41 के उल्लंघन में थाना परवलिया सड़क में संस्था संचालक श्री अनिल मैथ्यू एवं पदाधिकारी के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट अपराध कमांक-4/24, धारा 34, 42 एवं 75 किशोर न्याय बालिकाओं की देख-रेख और संरक्षण अधिनियम-2015 के उल्लंघन में रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है। संस्था में निवासरत 41 बालिकाओं को दिनांक 05.01.24 को बाल कल्याण समिति भोपाल के समक्ष प्रस्तुत कराया गया। बाल कल्याण समिति द्वारा सभी बालिकाओं से चर्चा उपरान्त कुल 41 बालिकाओं को बाल कल्याण समिति, जिला भोपाल द्वारा विधिवत आदेश करते हुए किशोर न्याय अधिनियम-2015 के अन्तर्गत पंजीकृत शासकीय बालिका गृह नेहरू नगर भोपाल में 14, बाल निकेतन ट्रस्ट बाल गृह बस स्टेण्ड में 10 और नित्य सेवा सोसायटी पीपलनेर गांधी नगर में 17 बालिकाओं को प्रवेश कराया गया है।
दिनांक 06 जनवरी 2024 को 26 बालिकाओं की गुमशुदगी का समाचार आने पर इसकी जांच की गई तथा इन शेष 26 बालिकाओं को पुलिस के द्वारा उनके अभिभावकों के पास होने की सूचना प्रदाय की गई है एवं किसी की भी गुमशुदगी होना नहीं पाई गई है। परन्तु संस्था के अवैध संचालन के कारण उपरोक्त प्रकरण में लापरवाही पाये जाने पर संभाग आयुक्त भोपाल के द्वारा तत्कालीन परियोजना अधिकारी बृजेन्द्र प्रताप सिंह, वर्तमान में परियोजना अधिकारी कोमल उपाध्याय एवं पर्यवेक्षक श्रीमती मंजूषा राज को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।

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