प्रतीक पाठक नर्मदापुरम
नर्मदापुरम। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ग्वालटोली में पदस्थ मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर एक संविदा स्वास्थ्य कर्मी से परेशान हैं। दरअसल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का प्रबंधन देखने वाले संविदा कर्मचारी मेवाड़ा एक वर्ष से यहां पदस्थ है। महिला चिकित्सक ने कर्मचारी पर डराने, धमकाने, नौकरी खाने, वेतन रुकवाने के साथ ही अश्लील बातें करने का आरोप लगाया है। लेडी डाक्टर ने उक्त संविदा कर्मी की शिकायत, कलेक्टर सीएमएचओ सहित अन्य अधिकारियों को है, लेकिन अभी तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है।
लेडी डाक्टर आदिवासी वर्ग से हैं, मैनेजर इन पर अनुचित दबाव बनाता है। ड्यूटी की शिकायत करना, सैलरी रुकवाना जैसी धमकी आए दिन दे रहे हैं और अश्लील बातें करते हैं। मेडिकल ऑफिसर ने बताया कि सैलरी रुकवाने की धमकी देते हैं और सैलरी दिलवाने के लिए पैसे व अन्य डिमांड करते हैं, जिससे मुझे अपने काम की जगह पर असुरक्षित महसूस हो रहा है। प्रतिदिन धमकी से मैं मानसिक रूप से परेशान हूं। भाषा में अशुद्ध शब्दों का उपयोग करना । इन सब मामले को लेकर मेरे द्वारा लिखित में दो-तीन बार कलेक्टर के अलावा मुख्य चिकित्सा अधिकारी, प्रभारी को शिकायत की जा चुकी है , लेकिन अभी तक उक्त मैनेजर के खिलाफ किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
मैं मानसिक रूप से हो रही प्रताड़ित
मेडिकल ऑफिसर ने बताया कि मैं मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित हो रही हूं । बाहर की रहने वाली हूं । मुझे मात्र 6 माह हुए हैं और मैं एनएचएम राष्ट्रीय मिशन के अंतर्गत संविदा में मेरी भर्ती हुई है । मुझे यहां बेवजह धमकी दी जा रही है। शिकायत करने के बाद भी संबंधित मैनेजर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। राष्ट्रीय मिशन की संचालक भोपाल को भी शिकायत की जा चुकी है, लेकिन उक्त मैनेजर मेवाड़ के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई और शिकायत करने के बाद मैनेजर मुझे रोज धमका रहा है कि तुम्हारी शिकायत करने से मेरा कुछ नहीं होगा , जितनी शिकायतें करोगे उतना मैं तुम्हें परेशान करूंगा। तुम कुछ भी कर लो मेरा कुछ नहीं होने वाला। तुमने कलेक्टर से प्रभारी सीएमएचओ से और तो और भोपाल में राष्ट्रीय मिशन की प्रियंका दास को भी शिकायत कर चुकी हो इससे पता लग गया और शिकायत करने से क्या हुआ और न कुछ होने वाला है। मैंने जो काम कहा है वह मेरा काम कर दो तो मैं तुम्हारी सैलरी और तुम्हें सुरक्षित रहने दूंगा नहीं तो शहर में नौकरी करना दूभर कर दूंगा।
कलेक्टर, सीएमएचओ और सिटी कोतवाली भी पहुंची शिकायत
मेडिकल ऑफिसर आदिवासी महिला ने मैनेजर की शिकायत कोतवाली थाने में भी की थी, लेकिन कोतवाली में शिकायत लेने से इनकार कर दिया और कहा गया कि यह आपके डिपार्टमेंट का मामला है। हम इसमें कोई कार्रवाई नहीं कर सकते। जब इस बात की जानकारी मैनेजर मेवाड़ को लगी तो मेवाड़ ने मेडिकल ऑफिसर आदिवासी महिला से कहा कि तुम थाने पहुंची थी । इसके पहले ही मैंने अपने लोगों से पता करके तुम्हारी शिकायत लेना तो दूर कोई कार्रवाई नहीं होने दी। इससे आप अंदाजा लगा सकती हो कि कि मेरी पहुंच पकड़ कितनी है
4 अगस्त से अब तक नहीं हुआ कोई एक्शन
महिला मेडिकल ऑफिसर का कहना है कि मैंने 4 अगस्त को कंप्लेंट की थी , लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ न कोई इन्वेस्टिगेशन हुआ। मैंने लिखित में कंप्लेंन की थी, इसके बाद भी कोई एक्शन नहीं हुआ इसके साथ ही मैंने अभी दो दिन पहले कलेक्टर मैडम को एक आवेदन भी दिया है। यह कर्मचारी मेरे ऊपर प्रेशर बनता है। मेरी कंप्लेंन का कोई मतलब नहीं निकला है। मुझसे वह अब भी बात करने की कोशिश करता है। अधिकारी भी बोलते हैं कि आपको उनसे बात तो करनी होगी। मेरे ऊपर प्रेशर आ रहा है, मैं बहुत परेशान हूं।