सुबह के अर्घ्य के साथ हुआ छठ महापर्व का समापन।

प्रतीक पाठक, नर्मदापुरम

छठ पूजा आखिरी दिन व्रतियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ महापर्व का समापन किया। नर्मदापुरम स्तिथ पोस्ट ऑफ़िस घाट पर भोजपुरी समाज द्वारा छठ का त्यौहार धूम धाम से मनाया गया। समाज के सदस्य प्रतीक पाठक ने बताया की इस दिन प्रातः काल उगते सूर्य को जल दिया जाता है । इसी के साथ छठ पर्व का समापन होता है। छठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है। इसके बाद दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन को ऊषा अर्घ्य के नाम से जाना जाता है। छठ का व्रत संतान की लंबी उम्र और उनके खुशहाल जीवन के लिए रखा जाता है। 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया गया । इस दिन सूर्योदय 06 बजकर 47 मिनट पर हुआ। इस समय व्रती विधि-विधान से पूजा के बाद सूर्य को अर्घ्य दिया।उषा अर्घ्य का महत्व
चार दिवसीय छठ पूजा का समापन उषा अर्घ्य होता है। इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ के व्रत का पारण किया जाता है। इस दिन व्रत रखने वाले लोग सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर उदित होते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इसके बाद सूर्य देव और छठ माता से संतान के सुखी जीवन और परिवार की सुख-शांति की कामना करते हैं।
भोजपुरी समाज से इस दिन संजय पाठक,संतोष मिश्रा, पवन तिवारी ,सचिन तिवारी,आनंद तिवारी, शशिकांत सिंह , कन्हिया यादव, गोपाल सिंह,शिवशंकर सिंह,मुकेश गुप्ता, आदि लोग उपस्थित हुए।

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