वेनेजुएला में राष्ट्रपति मादुरो की जीत के बाद हिंसा तेज:अब तक 11 मौतें

दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला में राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की जीत के बाद शुरू हुआ प्रदर्शन तेज हो गया है। न्यूज एजेंसी AFP ने एक एनजीओ से हवाले बताया कि प्रदर्शन में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है।

विपक्षी नेताओं का आरोप है कि रिजल्ट​​​ में धांधली हुई है, जिसके बाद जनता सड़कों पर उतर आई है। मामले में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने वेनेजुएला सरकार से वोटिंग डाटा जारी करने के लिए कहा है।

CNN की रिपोर्ट के मुताबिक हजारों की भीड़ देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर रही है। कई जगहों पर आगजनी भी देखने को मिली है। हजारों लोग राजधानी कराकस में राष्ट्रपति भवन के पास पहुंच गए हैं।

कुछ प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन की तरफ बढ़ने की कोशिश की जिसे रोकने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर रबर की गोलियां दागीं और आंसू गैस छोड़े। राजधानी से 400 किमी दूर कुमाना में कई लोगों ने मादुरो की यूनाइटेड सोशलिस्ट पार्टी ऑफिस पर कब्जा करने की कोशिश की, लेकिन फोर्स ने इसे नाकाम कर दिया।

28 जुलाई को वेनेजुएला में चुनाव हुए थे। चुनाव से पहले हुए सर्वे में विपक्षी उम्मीदवार एडमंडो गोंजालेज की आसान जीत बताई गई थी। हालांकि, चुनाव परिणाम इसके उलट आए। निकोलस मादुरो चुनाव जीत गए। हालांकि, विपक्ष ने इस जीत को मानने से इनकार कर दिया है। विपक्ष का दावा है कि चुनाव आयोग ने रिजल्ट में धांधली की है।

मादुरो की जीत के ऐलान के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू
चुनाव परिणाम के मुताबिक राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को 51.2% वहीं, विपक्षी नेता गोंजालेज को 44.2% वोट मिला। मादुरो की जीत के बाद से विपक्ष और जनता नाराज हो गई है। सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों ने निकोलस मादुरो के बैनर फाड़ डाले।

उन्होंने मादुरो से पहले राष्ट्रपति रहे ह्यूगो शावेज के कई पुतलों को गिरा दिया है। सोशल मीडिया पर इससे जुड़े वीडियो वायरल हो रहे हैं। एक वीडियो में लोग ह्यूगो शावेज के पुतले का सिर बाइक में बांधकर ले जा रहे हैं।

ह्यूगो शावेज ने एक दशक से ज्यादा समय तक वेनेजुएला को लीड किया था और निकोलस मादुरो को अपना उत्तराधिकारी बनाया था। मादुरो पिछले 11 साल से सत्ता में हैं। हालिया चुनाव में जीत के बाद मादुरो अब 2025 से 2030 तक सत्ता में बने रहेंगे।

मादुरो बोले- वेनेजुएला में तख्तापलट की हो रही कोशिश
सोमवार को टेलीविजन पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति मादुरो ने दावा किया कि वेनेजुएला में तख्तापलट की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव बाद ऐसा होगा इसका उन्हें पहले से अंदाजा था, लेकिन वे उनके मंसूबों को कामयाब होने नहीं देंगे।

CNN की रिपोर्ट के मुताबिक वेनेजुएला कई सालों से आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। अमेरिका और पश्चिमी देशों के लगाए प्रतिबंधों की वजह से तेल के लिए मशहूर ये देश दुनिया में अलग-थलग पड़ चुका है।

विपक्ष ने हार मानने से इनकार किया
निकोलस मादुरो को हटाने के लिए विपक्षी दल गोंजालेज के साथ एकजुट हुए थे। सोमवार शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्षी नेता मारिया मचादो ने दावा किया कि उनके गठबंधन को जनता का समर्थन हासिल है। सत्ताधारी पार्टी ने धांधली की है जिसकी वजह से एडमंडो गोंजालेज को जीत नहीं मिल पाई है।

मचादो वेनेजुएला में विपक्षी गठबंधन की सबसे बड़े नेता हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध की वजह से वह चुनाव नहीं लड़ पाईं। इसके बाद उन्होंने अपना समर्थन गोंजालेज को दिया।

​​​​गोंजालेज ने परिणाम घोषित होने के बाद कहा कि वेनेजुएला में क्या हुआ है ये देश ही नहीं पूरी दुनिया जान रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव रिजल्ट में गड़बड़ी हुई है। उन्होंने समर्थकों से हिंसा न करने और शांति से प्रदर्शन करने की अपील की।

UN ने चुनाव आयोग से मांग डाटा
अमेरिका ने मादुरो की जीत पर पर कहा उन्हें चुनाव रिजल्ट पर यकीन नहीं है। अमरीका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चिंता जताते हुए कहा कि यह रिजल्ट वेनेजुएला की जनता का मन नहीं बताता है।

संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय यूनियन समेत कई देशों ने वेनेजुएला में पारर्दशी तरीके से रिजल्ट जारी करने की मांग की है। उन्होंने चुनाव अधिकारियों से हर पोलिंग स्टेशन के मतदान रिकॉर्ड जारी करने की अपील की है।

निकोलस मादुरो को चीन, रूस और क्यूबा जैसे साथी देशों का साथ मिला है। उन्होंने राष्ट्रपति को लगातार तीसरी जीत पर बधाई दी है। हालांकि, पड़ोसी देशों ने ऐसा नहीं किया है। ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डीसिल्वा ने अभी तक बधाई नहीं दी है। कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेत्रो ने भी ऐसा ही किया है। इन दोनों देशों में वेनेजुएला की ही तरह वामपंथी विचारधारा वाली सरकार है।

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