हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मार्यादापुरुषोत्तम भगवान श्रीराम तथा जनक दुलारी माता सीता का विवाह हर्षोल्लास के साथ हुआ था इस वजह से हर वर्ष मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी तिथि को श्री राम विवाह महोत्सव मनाया जाता है, जिससे विवाह पंचमी के नाम से भी जानते हैं ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के अनुसार इस वर्ष विवाह पंचमी या श्रीराम विवाह महोत्सव 6 दिसंबर दिन शुक्रवार को है इस दिन व्रत किया जाता है और नगर में राम बारात निकाली जाती है आइए जानते हैं कि इस वर्ष विवाह पंचमी का मुहूर्त क्या है?
विवाह पंचमी मुहूर्त
पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि इस वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का प्रारंभ 5 दिसम्बर को दोपहर 12 बजकर 46 मिनिट से प्रारंभ होकर 6 दिसम्बर को दोपहर 12 बजकर 05 मिनिट तक रहेगी इसलिए उदयकालीन 6 दिसम्बर में संपूर्ण दिन रात श्रीराम विवाह पर्व मनाया जाएगा। धूम धाम से बारात निकलेगी, हल्दी, चंदन, तेल, मंडप के कार्यक्रम चल रहे है।
विवाह पंचमी का महत्व
आचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि मिथिला के राजा जनक जी अपनी प्रिय पुत्री सीता के लिए स्वयंवर का आयोजन करते हैं, सूचना पर भगवान श्रीराम अपने अनुज लक्ष्मण और गुरु जी के साथ उसमें शामिल होते हैं। एक—एक करके अनेक योद्धा शिव धनुष को तोड़ने का प्रयास करते हैं, लेकिन विफल हो जाते हैं। तब भगवान श्रीराम उस शिव धनुष को तोड़ते हैं और सीता जी उनके गले में वरमाला पहनाकर उनको अपना वर चुनती हैं। फिर मिथिला से यह शुभ समाचार अयोध्या पहुंचाया जाता है, तो वहां हर्षोल्लास का वातावरण बन जाता है। दशरथ जी भरत और शत्रुघ्न को साथ लेकर बारात के साथ जनकपुर पहुंचते हैं। फिर मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी को श्रीराम और सीता जी का विवाह होता है।
राम विवाह महोत्सव
विवाह पंचमी के दिन जनकपुर, अयोध्या, ओरछा समेत देश के कई हिस्सों में श्री राम विवाह का उत्सव मनाया जाता है। राम जी की बारात नगर में निकाली जाती है। मंदिरों में राम जी और सीता जी का विवाह होता है। कई स्थानों पर विवाह पंचमी के दिन राम विवाह का नाटक मंचन भी होता है।
ज्योतिषाचार्य पं.नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री
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