जिले में बाल विवाह न हो – कलेक्टर

प्रतीक पाठक, नर्मदापुरम

विवाह मुहूर्तो एवं अन्य प्रमुख सामाजिक अवसरों व तिथियों पर एकल अथवा सामूहिक विवाहों का आयोजन किया जाता है। विवाह के लिए लड़के की उम्र 21 एवं लड़की की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 का उक्तानुसार पालन सुनिश्चित कराने के लिए कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने जिला, ब्लॉक, ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर निगरानी दलो का गठन किया है।

जिला स्तर पर गठित निगरानी दल में अध्यक्ष कलेक्टर होंगी, सदस्य गण पुलिस अधीक्षक, सीईओ जिला पंचायत, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी/जिला परियोजना समन्वयक, जिला समन्वयक जन अभियान परिषद, जिला समन्वयक नेहरू युवा केन्द्र, प्रशासक वन स्टाप सेंटर, समन्वयक चाइल्ड लाइन एवं सत्यार्थी फाउण्डेशन सदस्य तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास सदस्य सचिव रहेंगे।

इसी तरह से ब्लॉक स्तर पर गठित निगरानी दल में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अध्यक्ष, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, तहसीलदार, खंड चिकित्सा अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी/बीआरसी, विकासखंड समन्वयक जन अभियान परिषद, राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक नेहरू युवा केन्द्र, पैरालीगल वालेटियर विधिक सेवा एवं स्वैच्छिक संगठन के प्रतिनिधि सदस्य तथा परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है। इसी तरह से ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तरीय निगरानी दलो में पंचायत स्तर सरपंच / वार्ड परिषद को अध्यक्ष, पंचायत सचिव, पटवारी, शिक्षक समस्त, एएनएम स्वास्थ्य विभाग, मातृ सहयोगिनी समिति, शौर्य दल सदस्य एवं स्व सहायता समूह की महिलायें सदस्य तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तरीय दल के लिए सदस्य/सचिव नियुक्त किया गया है।

कलेक्टर सुश्री मीना ने निर्देशित किया है कि जिला, ब्लॉक, पंचायत/वार्ड स्तर पर गठित निगरानी दल प्रमुख रूप से यह सुनिश्चित करे की जिले में बाल विवाह न हो इसके लिए अपने-अपने क्षेत्राधिकार में व्यापक प्रचार प्रसार करे तथा हर स्तर पर बाल विवाह रोकने के लिए नियमानुसार कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करे। इसके साथ ही कलेक्टर सुश्री मीना ने विवाह पत्रिका छापने बाले सभी पिं्रट मालिको, आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओ से कहा है कि वे बर-वधु की आयु के दस्तावेदज देखे ताकि बाल विवाह न हो। इसी तरह से सर्व संबंधितो को भी निर्देशित किया गया है कि वे होने वाले विवाह समारोहो में यह सुनिश्चित करे कि बाल विवाह न हो। उक्त कार्यवाही में गठित निगरानी दल सामूहिक विवाह समारोह में यह सुनिश्चित करे कि होने वाले विवाह में कोई भी वर-वधू अवस्यक न हो इसके लिए वे जन्म प्रमाण पत्र सहित अन्य उम्र संबंधी दस्तावेजो का परीक्षण करे। दस्तावेजो में जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल की अंक सूची, आंगनबाड़ी केन्द्र में दर्ज रिकार्ड ही मान्य होगा। गठित निगरानी दल बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर आपसी समन्वयक से तत्काल प्रभावी कार्यवाही करें। विवाह पंजीयन के तहत प्रत्येक विवाह आयोजन का पंचायत/नगरीय निकाय में शत प्रतिशत संधारण सुनिश्चित किया जाए। निगरानी दल यह भी सुनिश्चित करे कि वे प्रिटिंग प्रेस, हलवाई, कैटरर, धर्मगुरू, बैण्ड वाले, ट्रांसपोर्ट एवं समाज प्रमुखो से उम्र के प्रमाण के लिए गए प्रमाणो का स्पष्ट उल्लेख करने के लिए जिले के समस्त प्रिटिंग प्रेस को आवश्यक दिशानिर्देश जारी करे। गठित निगरानी दलो को निर्देशित किया गया है कि वे विवाह की सूचना प्राप्त होने पर इसकी सूचना जिला स्तरीय समिति/जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास जिला नर्मदापुरम को देना सुनिश्चित करें। गठित निगरानी दलो से यह भी कहा गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में बाल विवाह के दुष्परिणामों से परिचित कराने के लिए जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करे। चाइल्ड लाइन नंबर 1098, हैल्प लाइन नंबर 181 या पुलिस के 100 नंबर का प्रचार-प्रसार करे और बताए कि बाल विवाह यदि हो रहा है तो उक्त नंबरो पर सूचना दें। सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा।

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