सीहोर में औद्योगिक इकाइयों का भूमि-पूजन एवं आशय पत्र वितरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के उद्बोधन के प्रमुख बिन्दु-

* मुख्यमंत्री ने कहा कि सीहोर, भोपाल, विदिशा, रायसेन और नर्मदापुरम को मिलाकर एक नई ट्रिन-सिटी की अवधारणा साकार की जा रही है, जो मध्यप्रदेश को मेट्रोपॉलिटन प्रदेश के रूप में स्थापित करेगी।

* कार्यक्रम में 6 नवीन औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए भूमिपूजन किया गया, जिनमें पावर ट्रांसफॉर्मर, फूड प्रोसेसिंग, ईको कंक्रीट, अन्नपूर्णा इंडस्ट्री, बारमाल्ट माल्टिंग सहित अन्य उद्योग शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि इन उद्योगों से लगभग दो लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।

* मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रदेश सरकार उद्योगों को बिजली, पानी, भूमि के साथ प्रति महिला श्रमिक को ₹6000 और पुरुष श्रमिक को ₹5000 प्रतिमाह 10 वर्षों तक सहायता दे रही है। उन्होंने कहा कि यह केवल उद्योग नहीं, रोजगार के मंदिर हैं।

* उन्होंने प्रदेश में शुरू की गई एयर एंबुलेंस सेवा और शव वाहन योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि अब आम नागरिक भी गंभीर अवस्था में रियायती दरों पर या नि:शुल्क हवाई चिकित्सा सहायता प्राप्त कर सकता है। साथ ही मृत व्यक्तियों के सम्मानजनक अंतिम संस्कार के लिए शव वाहन सेवा प्रत्येक जिले में उपलब्ध कराई जा रही है।

* कृषि क्षेत्र में आगामी अक्टूबर माह में सीहोर में अंतरराष्ट्रीय कृषि एक्सपो आयोजित करने की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि यह आयोजन देश और विदेश के विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर किसानों के लिए नई संभावनाएँ खोलेगा।

* उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की सिंचाई क्षमता 2003 में जहाँ मात्र 7 लाख हेक्टेयर थी, वहीं अब यह बढ़कर 52 लाख हेक्टेयर से अधिक हो चुकी है। सरकार के प्रयासों से पर्याप्त बिजली और पानी उपलब्ध होने से किसान अपनी मेहनत से प्रदेश को अग्रणी बना रहे हैं।

* गौ-पालन और दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री ने गौशाला निर्माण पर 10 लाख रुपये तक की अनुदान योजना का जिक्र किया और बताया कि 5000 से अधिक गौमाता वाली बड़ी गौशालाओं के लिए ₹40 प्रति गाय सहायता दी जाएगी।

* मुख्यमंत्री ने सांस्कृतिक धरोहरों की चर्चा करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के लीला-स्थलों को मध्यप्रदेश में विकसित किया जा रहा है। उज्जैन का सांदीपनि आश्रम, इंदौर का जाना पाव और महतपुर का नारायण धाम – सभी स्थलों को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित किया जाएगा।

* उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब “सोने की चिड़िया” नहीं बल्कि “सोने का बाघ” बन चुका है। यह आत्मनिर्भर भारत की नई पहचान है।

* कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों, किसानों, बहनों और युवाओं के हित में किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए प्रदेश को समृद्ध, सक्षम और आत्मनिर्भर बनाने के संकल्प को दोहराया।

Spread the love