नई दिल्ली: भारी कर्ज में डूबे उद्योगपति अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल बिक गई है। अब इसका नाम भी बदलने वाला है। इस कंपनी को हिंदुजा ग्रुप की इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी लिमिटेड ने खरीदा है। कंपनी ने एनसीएलटी की मुंबई पीठ को बताया है कि टेकओवर के बाद रिलायंस कैपिटल को इंडसइंड नाम से रिब्रांड किया जाएगा। रिलायंस कैपिटल की देश के फाइनेंशियल सेक्टर में तूती बोलती थी। साल 2007 में इसका मार्केट कैप 70,000 करोड़ रुपये था और यह एचडीएफसी से भी बड़ी थी। इसकी गिनती देश के टॉप वित्तीय संस्थानों में होती थी। लेकिन धीरे-धीरे इसका पतन होने लगा। नवंबर 2021 में आरबीआई ने हस्तक्षेप करते हुए रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को भंग कर दिया और कंपनी को इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग में भेज दिया।
अनिल अंबानी की कंपनी का नाम गुम जाएगा, चेहरा बदल जाएगा… कभी फाइनेंशियल मार्केट में बोलती थी तूती

आईआईएचएल ने 9,841 करोड़ रुपये की बोली लगाकर रिलायंस कैपिटल का अधिग्रहण किया था। लेकिन अनिल अंबानी की कंपनी अनिल धीरूभाई अंबानी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलटी में दाखिल याचिका में आग्रह किया था कि हिंदुजा ग्रुप को रिलायंस नाम का इस्तेमाल करने से रोका जाए। बिजनस अखबार मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक हिंदुजा ग्रुप की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि हिंदुजा की रिलायंस ब्रांड के तहत बिजनस करने की कोई मंशा नहीं है। हम चाहते हैं कि यह ट्रांजिशन जल्दी से जल्दी हो क्योंकि हम रिलायंस ब्रांड के बोझ से मुक्ति चाहते हैं। एनसीएलटी ने दोनों पक्षों को दो दिन में लिखित में जवाब देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई ती सितंबर को होगी।