
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने आगामी चुनावों की तैयारी के तहत मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। इस अभियान का लक्ष्य मतदाता सूची को पूरी तरह शुद्ध, अद्यतन और त्रुटिरहित बनाना है। आयोग ने अब इसके लिए विस्तृत चरण-वार शेड्यूल भी जारी किया है।अभियान के मुख्य बिंदु
- मतदान केंद्रों का पुनर्रचना: किसी भी मतदान केंद्र पर एक हजार दो सौ (1200) से अधिक मतदाता नहीं होंगे। इसके लिए नए मतदान केंद्र आवासीय कॉलोनियों, आरडब्ल्यूए कॉलोनियों तथा झुग्गी-बस्तियों में स्थापित किए जाएंगे।
- मतदाता सूची-शुद्धता: मृत, स्थाई रूप से स्थानांतरित तथा दोहराव वाले नाम हटाए जाएंगे; इसके साथ-साथ सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई पात्र नागरिक नामांकन-से वंचित न रहे।
- बूथ-स्तरीय अधिकारी (BLO) की भूमिका: प्रत्येक घर में गणना-प्रपत्र वितरित होंगे; नए नाम, दावा-आपत्ति एवं मिलान कार्य होंगे; BLO को कम-से-कम तीन बार घर जाना होगा।
- राजनीतिक दलों की भागीदारी: मान्यता प्राप्त दलों को इस प्रक्रिया का विवरण दिया जाएगा तथा उन्हें बूथ-स्तरीय अभिकर्ता नामित करने का आग्रह किया गया है।
- दस्तावेजों की सरलता: मतदाताओं के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सांकेतिक सूची जारी; शहरी/अस्थायी रूप से स्थानांतरित लोग ऑनलाइन प्रपत्र भर सकेंगे।
- पात्रता शर्तें: भारतीय नागरिक होना, न्यूनतम आयु 18 वर्ष, संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में सामान्य निवास, किसी कानून के अंतर्गत अयोग्य नहीं होना।
- चेतावनी: यदि कोई व्यक्ति मिथ्या घोषणा करता है तो दंड या कारावास हो सकता है।
- ईसीआई ने बताया है कि यह प्रक्रिया कई सख्त चरणों में पूरी की जाएगी:
- 28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025: मतदाता सूची की मुद्रण एवं प्रशिक्षण का चरण।
- 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025: घर-घर जाकर नामांकन एवं मिलान का चरण।
- 9 दिसंबर 2025: प्रारूपित मतदाता सूची (ड्राफ्ट) का प्रकाशन।
- 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026: दावे-आपत्तियों की अवधि।
- 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026: नोटिस-शुनाव एवं सत्यापन की अवधि।
- 7 फरवरी 2026: मल्टी-चरण प्रक्रिया के बाद अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन।
यह विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान 12 राज्यों एवं केंद्रशासित क्षेत्रों में चलाया जा रहा है, जैसे कि मध्य प्रदेश, तमिल नाडु, पश्चिम बंगाल आदि। इसका मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची में मौजूद गलती-चूक, नाम दोहराव, मृतकों या स्थानांतरित लोगों के नाम, तथा अवैध प्रविष्टियों को हटाना और सभी पात्र नागरिकों को सूची में शामिल करना है।निर्वाचन आयोग ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे इस प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी करें — अपने नामांकन की स्थिति जांचें, आवश्यक प्रपत्र भरें और यदि कोई आपत्ति हो तो समय-सीमा के भीतर प्रस्तुत करें। यह लोकतंत्र के समर्थन में एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्य है।इस प्रकार, यह अभियान अब सिर्फ प्रारंभिक घोषणा नहीं बल्कि सख्त समय-सीमा के अंतर्गत चलने वाला सिस्टमेटिक कार्य बन गया है।