प्रतीक पाठक नर्मदापुरम –
छठ पूजा का यह महापर्व न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह त्योहार भारतीय संस्कृति और परंपराओं की गहरी जड़ें दिखाता है. नर्मदापुरम में इस पर्व को लेकर लोगों में अपार उत्साह है. चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व के अंत में जब उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा, तो हर भक्त छठ मैया और सूर्य देवता से अपनी इच्छाओं की पूर्ति और आशीर्वाद की कामना करेंगे.
चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व का हर दिन का एक विशेष महत्व है. बुधवार, 6 नवंबर को छठ पूजा के दूसरे दिन खरना का आयोजन किया गया. इस दिन से व्रतधारी निर्जला उपवास की शुरुआत करते हैं और पूरे मन से छठ मैया की उपासना में जुट जाते हैं.नहाय-खाय से खरना तक का सफर
छठ पूजा का पर्व नहाय-खाय के साथ शुरू होता है, जो कि पहले दिन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। भोजपुरी समुदाय के सचिव वैभव पाठक ने बताया कि नहाय-खाय में व्रती महिलाएं शुद्धता का ध्यान रखते हुए लौकी और चावल का भोजन ग्रहण करती हैं. पहले दिन की इस पूजा से वातावरण में भक्ति का माहौल बनने लगता है और घाटों पर छठ पर्व की तैयारियां जोरों पर होती हैं.
छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना कहा जाता है, और इस दिन का महत्व विशेष रूप से पूजा के प्रसाद में है. व्रती महिलाएं इस दिन रोटी, गुड़ की खीर और फल का प्रसाद बनाती हैं, जिसे भगवान को अर्पित कर प्रसाद के रूप में ग्रहण करती हैं. खरना के प्रसाद को शुद्धता और पारंपरिक विधि से तैयार किया जाता है. श्रद्धालु मानते हैं कि इस प्रसाद का सेवन करने से आशीर्वाद प्राप्त होता है और उन्हें शक्ति मिलती है ताकि वह अगले दो दिन का कठिन निर्जला व्रत पूरे धैर्य के साथ कर सकें। छठ पूजा के तीसरे दिन का व्रत सबसे कठिन होता है, क्योंकि इस दिन व्रतधारी सुबह से लेकर रात तक बिना पानी के उपवास करते हैं. इस कठिन व्रत के अंत में, भक्त शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं. यह परंपरा विशेष रूप से सूर्य देव की उपासना का हिस्सा है, जो जीवनदायी शक्ति का प्रतीक हैं। पोस्ट ऑफिस घाट पर श्रद्धालुओं ने अर्घ्य के लिए विशेष व्यवस्था की है. नर्मदापुरम में घाटों पर पूजा की पूरी तैयारियां हो चुकी हैं और अर्घ्य देने की पूरी तैयारी भक्तों के जोश और आस्था को दर्शाती है।छठ पूजा के चौथे और अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया जाता है. यह दिन छठ पर्व का सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण समय होता है, जब भक्त पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ सूर्य देवता की उपासना करते हैं और उनसे परिवार की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हैं। नर्मदापुरम के पोस्ट ऑफिस घाट पर सूर्योदय के समय भक्त एकत्र होते हैं और पूरी विधि के साथ अर्घ्य अर्पित करते हैं।