
सिवनी मालवा (पवन जाट)
बराखड़ कलां में नहर विभाग की लापरवाही से किसानों की फसलें खतरे में, दमाडिया माइनर से खेतों में भरा पानी
सिवनी मालवा। तहसील के ग्राम बराखड़ कलां में नहर विभाग की गंभीर लापरवाही के चलते किसानों की खड़ी फसलें खतरे में पड़ गई हैं। गांव के समीप शंकर मंदिर के पास स्थित दमाडिया माइनर में लंबे समय से सफाई न होने और रास्ते पर अव्यवस्थित ढंग से डाली गई कोठी के कारण नहर का पानी ओवरफ्लो हो गया, जिससे आसपास के किसानों के खेतों में जलभराव की स्थिति बन गई है। स्थानीय किसानों के अनुसार नहर की समय-समय पर सफाई और मरम्मत नहीं होने से उसमें गाद और कचरा जमा हो गया है। वहीं सामने प्लॉट के रास्ते पर डाली गई कोठी तकनीकी रूप से सही ढंग से न जमाए जाने के कारण पानी की निकासी बाधित हो रही है, जिसके चलते नहर का पानी खेतों में फैल गया है और गेहूं सहित रबी फसलों को भारी नुकसान की आशंका बनी हुई है। ग्राम बराखड़ कलां के किसान नितेश भारद्वाज, महेश चंदेलबाल और सोनू लौवंशी ने बताया कि उन्होंने करीब आठ दिन पहले ही गेहूं की फसल में सिंचाई की थी, लेकिन नहर विभाग की लापरवाही के कारण अचानक फिर से उनके खेतों में पानी भर गया। किसानों का कहना है कि बार-बार जलभराव होने से फसल की जड़ें गलने लगेंगी, जिससे उत्पादन पर सीधा असर पड़ेगा और पूरी फसल खराब होने की आशंका है। किसानों ने बताया कि यह समस्या कोई नई नहीं है और नहर की खराब हालत की जानकारी पहले भी विभाग को दी जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। नियमित सफाई और मरम्मत न होने से पानी का दबाव बढ़ते ही नहर से पानी बाहर निकलकर खेतों में घुस जाता है और विभागीय उदासीनता का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। किसान नितेश भारद्वाज ने बताया कि पिछली फसल अत्यधिक बारिश के कारण पूरी तरह नष्ट हो चुकी थी और उस नुकसान से उबरने के लिए किसानों ने कर्ज लेकर इस बार गेहूं और चने की फसल बोई थी, लेकिन अब नहर के पानी से हो रहे जलभराव ने उनकी मेहनत पर फिर से पानी फेर दिया है। किसानों का कहना है कि यदि जल्द समस्या का समाधान नहीं हुआ तो फसलों की जड़ें सड़ जाएंगी, पौधे पीले पड़ जाएंगे और उत्पादन बेहद कम हो जाएगा, जिससे किसानों के सामने आर्थिक संकट और कर्ज चुकाने की गंभीर समस्या खड़ी हो जाएगी। इसके साथ ही किसानों ने बताया कि दमाडिया माइनर आगे गड्डा कॉलोनी की ओर से पूरी तरह फूटी हुई है, जिससे बड़ी मात्रा में पानी व्यर्थ बह रहा है। एक ओर खेतों में जरूरत से ज्यादा पानी भर रहा है तो दूसरी ओर नहर का पानी बेकार जा रहा है, जो नहर विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। किसानों ने प्रशासन और नहर विभाग से मांग की है कि तत्काल नहर की सफाई कराई जाए, टूटे हुए हिस्सों की मरम्मत की जाए और रास्ते पर डाली गई कोठी को तकनीकी रूप से व्यवस्थित किया जाए ताकि पानी की निकासी सुचारु हो सके और किसानों की फसलें बचाई जा सकें।
