प्रतीक पाठक नर्मदापुरम-
जब बात किसी की जान बचाने की हो, तो इंसानियत सबसे बड़ी मिसाल बन जाती है। नर्मदापुरम के प्रतिष्ठित व्यवसायी एवं पत्रकार प्रदीप गुप्ता ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि समाज सेवा केवल शब्दों से नहीं, कर्मों से होती है।
शासकीय जिला चिकित्सालय में भर्ती एक महिला मरीज को डिलीवरी के दौरान बी पॉजिटिव ब्लड की जरूरत थी, लेकिन ब्लड की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी। परेशान परिजनों ने जब हर संभव प्रयास कर लिए, तब किसी जान-पहचान वाले ने उन्हें प्रदीप गुप्ता का नंबर दिया।
गुप्ता जी ने तुरंत स्थिति की गंभीरता को समझा और अपने सोशल मीडिया ग्रुप्स में ब्लड डोनर की अपील की। जब ब्लड की उपलब्धता नहीं हुई, तो उन्होंने स्वयं जिला चिकित्सालय पहुँचकर ए पॉजिटिव ब्लड डोनेट किया। इसके बदले में मरीज के परिजनों ने ब्लड बैंक से बी पॉजिटिव यूनिट एक्सचेंज में लेकर ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा करवाया।
यह पहला मौका नहीं है, इससे पहले भी प्रदीप गुप्ता 6–7 बार रक्तदान कर चुके हैं। उनका मानना है कि “रक्तदान सबसे बड़ा दान है, जिससे किसी की जिंदगी बचाई जा सकती है।”
युवाओं को संदेश देते हुए उन्होंने कहा –
“हर युवा को आगे आकर रक्तदान करना चाहिए और नशे से दूर रहना चाहिए, क्योंकि नशा किसी की मदद नहीं करता, लेकिन एक यूनिट खून किसी की पूरी जिंदगी बदल सकता है।”
प्रदीप गुप्ता जैसे लोग समाज के लिए प्रेरणा हैं, जो बिना किसी दिखावे के, ज़रूरतमंदों के लिए फरिश्ते की तरह सामने आते हैं।