
नर्मदापुरम-
शहर के प्रतिभूति कागज कारखाने (एसपीएम) में मेडिकल क्लेम के नाम पर बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। कर्मचारियों एवं अधिकारियों द्वारा फर्जी मेडिकल बिल लगाकर लाखों नहीं बल्कि करोड़ों रुपये का लाभ उठाने का मामला सामने आने के बाद सीबीआई (भारत सरकार) की टीम ने कारखाने सहित कर्मचारियों के आवासों पर छानबीन शुरू कर दी है। इस कार्रवाई से एसपीएम परिसर में हड़कंप मचा हुआ है।प्राप्त जानकारी के अनुसार, एसपीएम में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने तथा परिवारजनों—पत्नी, बच्चों और अन्य परिजनों के नाम पर फर्जी मेडिकल बिल और इलाज के दस्तावेज लगाकर भारत सरकार के इस उपक्रम को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि करीब 150 कर्मचारियों की सूची संदिग्ध है, जिनमें से फिलहाल 35 लोगों द्वारा फर्जी क्लेम लेने की पुष्टि हो चुकी है। अन्य मामलों की जांच अभी जारी है।आवासों पर पहुंची सीबीआई, दस्तावेज जब्त
शिकायत मिलने के बाद सीबीआई अधिकारियों ने संबंधित कर्मचारियों के घरों पर अलग-अलग समय पर दबिश दी। इस दौरान बैंक पासबुक, मकान की रजिस्ट्री, मेडिकल बिल, इलाज से जुड़े दस्तावेज और अन्य महत्वपूर्ण कागजात जब्त किए गए हैं। जिन लोगों से पूछताछ की गई है, उनमें राजेश मालवीय, दीपक मेहरा, मुकेश बग्गन, जगदीश साहू, रणवीर, मुकेश सहित अन्य कर्मचारी शामिल बताए जा रहे हैं।सीबीआई ने अब तक करीब 13 लोगों से गहन पूछताछ की है और उन्हें निगरानी में रखा गया है। जांच एजेंसी द्वारा पूरे नेटवर्क को खंगाला जा रहा है। मेडिकल स्टोर व संविदा डॉक्टरों की भूमिका संदिग्धजांच में यह भी सामने आया है कि एसपीएम के गेट नंबर-4 क्षेत्र में संचालित दो मेडिकल स्टोर तथा एक संविदा डॉक्टर की भूमिका भी संदिग्ध है। आरोप है कि मेडिकल स्टोर संचालकों द्वारा दवाओं के दोगुने और फर्जी बिल बनाए गए, जिन्हें कर्मचारी विभाग में प्रस्तुत कर क्लेम का लाभ लेते थे। कुछ मामलों में प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती दिखाकर भी फर्जी भुगतान कराया गया।21 करोड़ रुपये के घोटाले की आशंकासीबीआई की प्रारंभिक जांच में इस पूरे फर्जीवाड़े का आंकड़ा लगभग 21 करोड़ रुपये तक पहुंचने की बात सामने आ रही है। यदि जांच आगे बढ़ी तो इसमें और भी नाम सामने आने की संभावना जताई जा रही है।वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से इनकार नहीं सूत्रों के अनुसार, इस घोटाले में एसपीएम के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता। बताया जा रहा है कि झूठे दस्तावेज तैयार कर क्लेम पास कराने में उच्च स्तर पर संरक्षण मिला। सीबीआई अब यह भी जांच कर रही है कि किन अधिकारियों ने किन कर्मचारियों और मेडिकल संस्थानों को लाभ पहुंचाया।जांच जारी, और खुलासों की उम्मीद सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि मामले की बारीकी से जांच की जा रही है। संविदा डॉक्टर, मेडिकल स्टोर संचालक और एसपीएम के अधिकारी सभी जांच के दायरे में हैं। आने वाले दिनों में इस बहुचर्चित मेडिकल क्लेम घोटाले में और बड़े खुलासे होने की संभावना है।
