कोलकाता की घटना से सबक… मप्र में अब CCTV की निगरानी में रहेगा सरकारी अस्‍पताल का हर हिस्सा, रात में भी राउंड करेंगे डीन व अधीक्षक

 भोपाल। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल काॅलेज में नौ अगस्त को प्रशिक्षु महिला डाक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या से सबक लेते हुए प्रदेश में मेडिकल कालेजों और उनसे जुड़े अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जा रही है। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने प्रदेश के सभी 17 सरकारी मेडिकल कालेजों के डीन व अधीक्षकों को कहा है कि काॅलेज व अस्पताल का हर हिस्सा सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होना चाहिए।

10 बिंदुओं पर कार्रवाई

खासकर जहां लोगों का आना-जाना कम हैं वहां सीसीटीवी कैमरे अवश्य होने चाहिए। सुरक्षा की दृष्टि से मेडिकल काॅलेज के डीन व अस्पताल अधीक्षक रात में अस्पताल व परिसर का राउंड लेंगे। चिकित्सा शिक्षा संचालक डा. एके श्रीवास्तव ने सुरक्षा के संबंध में दिए 10 बिंदुओं पर कार्रवाई कर एक सप्ताह में परिपालन रिपोर्ट देने के लिए कहा है।

सुरक्षा को लेकर ये उपाय करना होगा
  • अति संवेदनशील क्षेत्र जैसे पार्किंग, बेसमेंट, छत, सीढ़ियां एवं जहां लोगों की आवाजाही कम हो।
  • ऐसी जगहों पर सीसीटीवी कैमरा, रोशनी एवं सुरक्षाकर्मियों की व्यवस्था की जाए।
  • समस्त मेडिकल काॅलेज और चिकित्सालयों में प्रवेश एवं निर्गम द्वारों पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की जाए
  • मेडिकल काॅलेज और चिकित्सालयों में असामाजिक तत्वों को रोकने के इंतजाम किए जाएं
  • आवश्यकता होने पर महिला डाॅक्टर के साथ रात में महिला सुरक्षाकर्मी जाएगी।
  • असामाजिक गतिविधियों पर कड़ी निगरानी के लिए सुरक्षाकर्मी लगातार राउंड लें।
  • अधिष्ठाता एवं अधीक्षक अस्पताल व परिसर में रात्रिकालीन राउंड करें।
  • मरीज एवं उनके परिजनों की सुरक्षा हेतु उचित व्यवस्था की जाए।
  • स्थानीय पुलिस और प्रशासन की लगातार निगरानी एवं पेट्रोलिंग के संबंध में काॅलेज के डीन संबंधित अधिकारी से बात करें।
  • हर अस्पताल परिसर में पुलिस चौकी और उसमें पर्याप्त बल हो।
  • सिर्फ गंभीर रोगियों के अतिरिक्त अस्पतालों में एक रोगी के साथ एक स्वजन को ही अनुमति दी जाए।
  • शाम छह बजे के बाद अस्पतालों के प्रवेश द्वारा व वार्डों पर अनावश्यक व्यक्तियों का प्रवेश रोका जाए।
  • निजी कालेजों की कैसे होगी निगरानी
    सरकारी मेडिकल कालेज और अस्पतालों में व्यवस्थाएं दुरुस्त की जा रही हैं, पर इस घटना के बाद निजी मेडिकल कालेजों की निगरानी के संबंध में किसी भी स्तर से निर्देश जारी नहीं हुए हैं। घटना के बाद जिलों के अंतर्गत होने वाले कालेजों के लिए संबंधित जिलों के कलेक्टर या संभाग के संभागायुक्त ने कोई निर्देश नहीं दिए हैं।
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