मानव अधिकार_दिवस 2023 : सभी के लिए स्वतंत्रता, न्याय एवं समानता थीम पर निकली गई रैली

प्रतीक पाठक, नर्मदापुरम

श्रम विभाग के साथ जीवोदय सोसाइटी द्वारा 12 दिसंबर मानव अधिकार दिवस 2023 के अवसर पर, इटारसी शहर में रैली का आयोजन किया गया। यह रैली मानव अधिकार दिवस 2023 की थीम ‘सभी के लिए स्वतंत्रता, न्याय एवं समानता” पर आधारित थी। जिसमे बच्चो को केंद्रित करते हुए उनके मुख्य अधिकारों के बारे में जागरूक किया गया। इस रैली का आयोजन श्रम विभाग नर्मदापुरम एवं शासकीय कन्या महाविद्यालय के सहयोग से किया गया। रैली में बच्चों ने जमकर नारे बाजी की और लोगो को बाल अधिकारों के प्रति सजग किया व बाल मजदूरी का पुरजोर विरोध करते हुए उनके विकास और सुरक्षा के साथ शिक्षा में उनकी भागीदारी को सुनिश्चित करने का सन्देश दिया। साथ ही बाजार में उपस्थित लोगों से हस्ताक्षर अभियान अंतर्गत हस्ताक्षर भी कराये जिसमें उनके द्वारा बाल मजदूरी, बाल शोषण, गैर बराबरी और भेदभाव नहीं करने प्रतिज्ञा ली गई।

आयोजित रैली में श्रम विभाग नर्मदापुरम की निरीक्षक श्रीमति ज्योति अईयर, जीवोदय सोसाइटी से निदेशक सिस्टर क्लारा अनिमोटिल, सहायक निदेशक जोडी, कार्यक्रम प्रबंधक फ्रांसिस तक्केल एवं कार्यक्रम अधिकारी सन्नी जोशी के साथ बाल गृह एवं बालिका गृह का समस्त स्टाफ एवं शासकीय कन्या महाविध्यालय के प्रोफेसर श्रीमान डॉ शिरीष परसाई फिजिक्स विभाग, डॉ नेहा सिकरवार, प्रिया कलीसिया, क्षमा वर्मा एवं करिश्मा कश्यप उपस्थित थी। रैली में 100 से अधिक बच्चों ने भाग लिया जिसमे शासकीय कन्या महाविद्यालय से 50 से अधिक बालिकाए, जीवोदय बाल एवं बालिका गृह से 30 से अधिक बालक बालिकाए और बाल समुदाय से 20 से अधिक बच्चो और उनके माता पिता ने हिस्सा लिया।

रैली के अंत में जीवोदय सोसाइटी की निदेशक सिस्टर क्लारा ने बच्चो को संबोधित करते हुए सन्देश दिया कि इस वर्ष 2023 के मानवाधिकार दिवस का नारा सभी के लिए गरिमा, स्वतंत्रता और न्याय” से अवगत कराया गया। उन्होने यह भी बताया कि, मानवाधिकार दिवस प्रतिवर्ष 10 दिसंबर को मनाया जाता है, यह उस दिन की याद दिलाता है जब 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा को अपनाया था। यह उन अधिकारों का जश्न मनाता है और उन्हें बढ़ावा देता है जो किसी भी राष्ट्रीयता, लिंग, जातीयता, नस्ल, यौन अभिविन्यास या धर्म के लिए अपरिहार्य हैं। यह वर्ष 73वां मानवाधिकार दिवस और मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ दोनों है।

उन्होंने इस दिवस का महत्व भी बताते हुए कहा कि, प्रत्येक व्यक्ति की मानवता की रक्षा और संरक्षण के लिए मानवाधिकारों की आवश्यकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक व्यक्ति सम्मान का जीवन जी सके और एक इंसान बनने के योग्य जीवन जी सके। प्रश्नः किसी को उनका सम्मान “क्यों” करना चाहिए? मौलिक रूप से, क्योंकि हर कोई एक इंसान है और इसलिए एक नैतिक प्राणी है। उदाहरण के तौर पर उन्होंने मार्टिन लूथर किंग, जॉन एफ कैनेडी, नेल्सन मंडेला के विचारो साझा किया। अंत में उन्होंने कहा कि, हम सभी इंसान और इंसानियत का सम्मान करने की अपील के साथ मानवाधिकार दिवस की शुभकामनाएँ दी।

श्रम निरीक्षक श्रीमती ज्योति पी.ए. द्वारा बाल श्रम अधिनियम के प्रावधानों की जानकारी देते हुए बाल श्रम न करवाने की अपील की गई। रैली रेस्ट हाउस से शुरू होकर, एसबीआई के रास्ते मेन मार्केट को कवर करते हुए बड़ा मंदिर होते, हुए जयस्तंभ पर समाप्त हुई जहा पर बच्चों एवं सभी ने हस्ताक्षर किये।

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