
भोपाल। सोमवार रात 8 बजकर 15 मिनट पर मुख्यमंत्री के अचानक पुलिस मुख्यालय पहुँचने से पूरे विभाग में हलचल तेज़ हो गई। प्रदेश की कानून–व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री ने देर रात हाई-लेवल मीटिंग बुलाई, जिसमें मुख्य सचिव (CS), डीजीपी, एडीजी इंटेलिजेंस, भोपाल पुलिस कमिश्नर सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक लगभग एक घंटे चली और इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों और हाल ही की घटनाओं पर गहरी नाराज़गी जताई।सूत्रों के अनुसार, रायसेन जिले में एक महत्वपूर्ण मामले में अब तक गिरफ्तारी न होने पर मुख्यमंत्री बेहद अप्रसन्न दिखे। उन्होंने सवाल उठाया कि जब मामले की गंभीरता पहले दिन से स्पष्ट थी, तो कार्रवाई में इतनी देरी क्यों हुई? इसी क्रम में मंडीदीप में हुए चक्का जाम के दौरान पुलिस की धीमी और निष्क्रिय कार्रवाई पर भी उन्होंने नाराज़गी जताते हुए कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए समय पर प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए थे।भोपाल में लगातार हो रही आपराधिक वारदातों पर मुख्यमंत्री ने सीधे पुलिस कमिश्नर से जवाब तलब किया। उन्होंने सभी घटनाओं की विस्तृत रिपोर्ट तुरंत पेश करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि राजधानी में अपराधों की रोकथाम प्राथमिकता है, और इसके लिए पुलिस को जमीन पर उतरकर सक्रिय भूमिका निभानी होगी।
मुख्यमंत्री के निर्देशों में शामिल कुछ बड़े निर्णय:
- रायसेन के पुलिस अधीक्षक को तुरंत मुख्यालय अटैच करने के आदेश।
- मिसरोद थाना प्रभारी को तत्काल हटाने के निर्देश।
- पूरे प्रदेश में पुलिस को सड़कों पर उतरकर सख़्त गश्त और लगातार पेट्रोलिंग बढ़ाने के निर्देश।
- किसी भी अपराधी के प्रति नरमी न बरतने और कठोर कार्रवाई करने का आदेश।
- लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने तथा नियमित निरीक्षण बढ़ाने के निर्देश।
मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि ढिलाई किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को चेतावनी दी कि जनता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है, और यदि किसी भी स्तर पर कोताही पाई गई तो जिम्मेदार अधिकारी पर तुरंत कार्रवाई होगी।बैठक के बाद पुलिस मुख्यालय और जिलों में प्रशासनिक गतिविधियाँ तेज हो गईं। पुलिस बल को सक्रिय मोड में आने तथा फील्ड में उपस्थिति बढ़ाने के लिए कहा गया है। मुख्यमंत्री के इन निर्देशों के बाद यह साफ हो गया है कि अब कानून–व्यवस्था को लेकर सरकार बिल्कुल भी समझौता करने के मूड में नहीं है।