सिवनी मालवा के बानापुरा में नया खाद वितरण केंद्र शुरू — किसानों को मिली नई सुविधा

सिवनी मालवा से पवन जाट की रिपोर्ट 

बानापुरा क्षेत्र में किसानों की सुविधा के लिए सोमवार को नया नकद खाद वितरण केंद्र शुरू किया गया। यह केंद्र जिला सहकारी बैंक के पीछे, मार्केटिंग सोसाइटी परिसर में स्थापित किया गया है।केंद्र का उद्देश्य है कि किसानों को समय पर और व्यवस्थित तरीके से डीएपी व यूरिया खाद उपलब्ध कराया जा सके, ताकि रबी की बुवाई में किसी प्रकार की बाधा न आए।कृषि क्षेत्र में हर वर्ष बुवाई के समय सबसे बड़ी समस्या खाद वितरण को लेकर देखी जाती है।अक्सर सीमित केंद्रों और स्टॉक की कमी के कारण किसानों को कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है।नई व्यवस्था इस समस्या को कम करने की दिशा में उठाया गया कदम है।अब किसान सीधे नकद भुगतान के आधार पर खाद प्राप्त कर सकेंगे, जिससे बैंक या उधारी की प्रक्रिया में लगने वाला समय बचेगा।कृषि विभाग के नियमों के अनुसार, प्रति एकड़ एक बोरी डीएपी और दो बोरी यूरिया की सीमा तय की गई है।इस सीमा का पालन सुनिश्चित करने के लिए केंद्र पर डिजिटल पंजीकरण की व्यवस्था की गई है, ताकि एक ही किसान बार-बार खाद न ले सके और सभी को बराबरी से वितरण हो सके।केंद्र पर किसानों की सुविधा के लिए अलग-अलग काउंटर बनाए गए हैं।काउंटर पर पंजीकरण, भुगतान और खाद वितरण की प्रक्रिया क्रमबद्ध तरीके से होगी।हर किसान को खाद लेने के लिए अपना आधार कार्ड और भूमि विवरण प्रस्तुत करना होगा।इससे यह तय होगा कि वितरण पारदर्शी रहे और किसी तरह की अनियमितता न हो।केंद्र परिसर में पार्किंग, प्रतीक्षा स्थल और पानी की सुविधा की व्यवस्था की गई है ताकि किसानों को घंटों खड़े रहने की परेशानी न झेलनी पड़े।किसानों के वाहनों और ट्रैक्टरों के लिए पर्याप्त जगह भी रखी गई है, जिससे भीड़ के बावजूद कार्य प्रभावित न हो।किसानों की भारी भीड़ के कारण कई बार खाद वितरण में देरी होती थी।सुबह से शाम तक लंबी कतारें लग जाती थीं और सीमित मात्रा में स्टॉक होने की वजह से कई किसान खाली हाथ लौट जाते थे।कई बार वितरण में गड़बड़ी या टोकन प्रणाली की अव्यवस्था से विवाद भी हो जाते थे।नई व्यवस्था शुरू होने से पहले किसानों को खाद प्राप्त करने के लिए न केवल समय गंवाना पड़ता था बल्कि परिवहन खर्च भी बढ़ जाता था।कई किसान आस-पास के गांवों से ट्रैक्टर या छोटे वाहनों में आते थे, जिससे पूरी प्रक्रिया थकाऊ और खर्चीली साबित होती थी।अब इस केंद्र के शुरू होने से उम्मीद की जा रही है कि दबाव कम होगा और वितरण सुचारू रूप से चलेगा।बानापुरा, सिवनी मालवा और आसपास के गांवों के हजारों किसान इस केंद्र से लाभान्वित होंगे।यह केंद्र क्षेत्र के किसानों के लिए एक स्थायी व्यवस्था प्रदान करेगा, जिससे बुवाई के मौसम में आपूर्ति बाधित नहीं होगी।इससे स्थानीय बाजारों और कृषि मंडियों पर भी सकारात्मक असर पड़ने की संभावना है।खाद की उपलब्धता का सीधा संबंध उत्पादन से होता है।यदि किसान समय पर और पर्याप्त मात्रा में खाद प्राप्त करते हैं, तो फसल की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों में सुधार होता है।इस दृष्टि से यह केंद्र पूरे कृषि क्षेत्र के लिए एक अहम कदम साबित हो सकता है।केंद्र पर काम करने वाले कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है, ताकि वितरण प्रक्रिया में किसी प्रकार की देरी न हो।स्टॉक आने से लेकर वितरण तक हर चरण पर रिकॉर्डिंग और मॉनिटरिंग की जाएगी।खाद के ट्रक आने और जाने का समय भी दर्ज किया जाएगा, जिससे भविष्य में पारदर्शिता बनी रहे।यदि किसी दिन किसानों की संख्या अधिक हो जाती है, तो अतिरिक्त स्टाफ और काउंटर खोले जाने की योजना तैयार है।कृषि विभाग का कहना है कि किसी भी किसान को केंद्र से खाली हाथ नहीं लौटना पड़ेगा, यह इस योजना की प्राथमिकता है।नया नकद खाद वितरण केंद्र किसानों के लिए राहत भरा कदम है, लेकिन इसका असर तभी स्थायी होगा जब इसकी व्यवस्था निरंतर और पारदर्शी बनी रहे।यदि स्टॉक नियमित रूप से पहुंचता रहा, रिकॉर्डिंग ठीक से होती रही और निगरानी मजबूत रही, तो किसानों को सच में फायदा मिलेगा।लेकिन यदि आने वाले दिनों में भीड़ बढ़ने के साथ वितरण में ढिलाई आई या स्टॉक की कमी हुई, तो वही पुरानी स्थिति दोहराई जा सकती है।अभी किसानों की निगाह इसी पर टिकी है कि क्या यह पहल लंबे समय तक टिकेगी -या फिर कुछ दिनों बाद उन्हें फिर से खाद के लिए परेशान होना पड़ेगा।

Spread the love