बुंदेलखंड में सीता कुंड पन्ना के मेडिसिनल पानी की मान्यता: पीने से ठीक होते रोग, भर भर के घर लाते हैं लोग

-पंकज पाराशर छतरपुर
माघ प्रदेश में पन्ना के विश्रामगंज में घने जंगल के बीच चुआ धाम स्थित है । यहां एक सीता कुंड है । जिससे पूरे साल तेज प्रवाह के साथ पानी निकलता रहता है । लोगों की मान्यता है कि इस कुंड का पानी पीने से जटिल असाध्य रोग ठीक हो जाते हैं। बताया जाता है कि भगवान राम वनवास के दौरान इस धाम में आए थे।
सीता कुंड से निकलता है मेडिसिनल पानी
पन्ना जिले में घने जंगलों के बीच चुआ धाम में स्थित है एक कुंड । बताया जाता है यह एक चमत्कारिक कुंड है। इसका नाम सीता कुंड है। इस कुंड से पूरे साल तेज गति से जल प्रवाहित होता रहता है। लोग मानते हैं कि इस कुंड का पानी पीने से जटिल असाध्य रोग ठीक हो जाते हैं। सीता कुंड से पानी निकलता है।
सीता कुंड के पानी में हैं कई औषधीय गुण
पहाड़ी खेड़ा रोड से 15 किलोमीटर दूर पन्ना वन परिक्षेत्र अंतर्गत विश्रामगंज के घने जंगलों के बीच चुआ धाम स्थित है । जहां पर सीता कुंड नामक घाट बना हुआ है। यहां पर लगभग 1 फीट गड्ढे से पूरे साल 365 दिन पानी निकलता रहता है । इसे लोग चमत्कार मानते हैं। लोगों की मान्यता है कि इस पानी में कई औषधीय गुण मौजूद हैं। इसलिए इस पानी को पीने से जटिल असाध्य रोग ठीक हो जाते हैं। जिससे कई लोग यहां आकर कुंड का पानी पीते हैं और घर भी ले जाते हैं ।
सीता कुंड का पानी पीने से रोग हो जाते दूर
छतरपुर जिले के राजनगर निवासी धीरज सोनी ने बताया कि “पूर्व में उनके भाई यहां पर आए थे. सीता कुंड का पानी पीने के बाद उनका रोग दूर हो गया. जिसके बाद वे यहां पहुंचे हैं और अपने साथ पानी ले जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि “मुझे कुछ तकलीफ है और मेरी पूरी श्रद्धा है कि मुझे भी अपने रोगों से मुक्ति मिलेगी।
ये हैं प्राचीन मान्यताएं
स्थानीय लोग बताते हैं कि भगवान राम वनवास के दौरान इस धाम में आए थे। इसलिए इस कुंड का नाम सीता कुंड पड़ गया है । यहीं से भगवान राम सारंगधाम गए थे, इसलिए इस स्थान का बहुत अधिक महत्व है। इसके पास में ही नदी बहती है जहां जंगली जानवरों का आना-जाना रहता है, क्योंकि यह स्थान घने जंगलों के बीच में स्थित है। यहां पर हनुमान मंदिर और शिव मंदिर सहित अनेक प्राचीन मंदिर स्थापित हैं ।
गर्मियों में भी तेजी से निकलता है पानी……
ग्रामीण बताते हैं कि गर्मियों में पानी और तेजी से निकलता है । जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है वैसे-वैसे पानी का प्रवाह तेज होता जाता है। गर्मी के कारण बगल में बहती हुई नदी सूख भी जाती है पर सीता कुंड का पानी कभी नहीं सूखता है। इसी कुंड के पानी से नदी का प्रवाह चलता रहता है, क्योंकि सीता कुंड का पानी नदी में जाकर मिल जाता है।

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