नाथ समाज से सीएम बोले- अंतिम संस्कार की प्रक्रिया बदलें:आप समाधि बना देते हो, लोग चादर चढ़ा देते हैं

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नाथ समुदाय से शव के अंतिम संस्कार करने के तरीके में सुधार के लिए कहा है। विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ समाज के कार्यक्रम में सीएम ने कहा, ‘आप समाधि बना देते हो, लोग चादर चढ़ा देते हैं। इसके बाद परेशानी हमें होती है। पुरखे हमारे हैं और समाधि पर चादर चढ़ाकर फायदा कोई और ले लेते हैं। इसे समाज को ध्यान में रखना होगा। आपको थोड़ी बात में बड़ी समझ रखना होगी।’

शनिवार को भोपाल के रविंद्र भवन में विमुक्त दिवस पर हुए कार्यक्रम में सीएम ने कहा, ‘नाथ समुदाय में मृत्यु के बाद दफनाने और समाधि बनाने की जो परंपरा है, उसमें सुधार की जरूरत है। इसके बदले दाह क्रिया से अंतिम संस्कार करने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा, ‘इस वर्ग और समाज के लोगों को अब अपने घरों में रहना चाहिए और जो व्यवसाय उपलब्ध है, वह करना चाहिए। समय के साथ सुधार करना होगा।’

कार्यक्रम में विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ विभाग की मंत्री कृष्णा गौर ने विभाग की ओर से किए जाने वाले बदलावों की जानकारी दी।

भाषण देने दो, एक-एक को जवाब दूंगा, तो दिक्कत होगी

सीएम अपने संबोधन में जब विमुक्त समाज की जातियों को विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ वर्ग में शामिल करने के लिए नाम पढ़े जा रहे थे, तो कई समाज की महिलाओं और पुरुषों ने कहा कि उनकी जाति भी जोड़ी जाए। इस बीच सीएम ने वहां बोलने वाले कुछ लोगों के साथ सीधा बात करना शुरू कर दिया। फिर उन्होंने कहा कि आपसे सीधी बात करने के चक्कर में भाषण नहीं दे पा रहा हूं। बैठ जाइये, सबकी मांगें मानी जाएंगी।

कार्यक्रम में पोर्टल और ऐप लॉन्च

विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ के लिए समर्थ पोर्टल और एम समर्थ मोबाइल ऐप लॉन्च हुआ। सीएम ने कहा, ‘इन जनजातियों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ना मध्यप्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य है। मैं आप सभी को आश्वस्त करता हूं कि आपके समाज की प्रतिभाओं को निखारने, उनका भविष्य बनाने और समाज से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश सरकार सदैव तत्पर है।’

मंत्री बोलीं- समुदाय के डेटा के लिए काम करना होगा

विमुक्त, घुमंतु और अर्ध घुमंतु विभाग की मंत्री कृष्णा गौर ने कहा, ‘शिष्यवृत्ति को 1350 रुपए से बढ़ाकर 1560 रुपए कर दिया गया है। 11वीं में प्रवेश करने पर 3 हजार रुपए की राशि एकमुश्त इस समुदाय की बेटियों को दी जाती है। इस समाज के लिए मांगलिक भवन बनाने 20 लाख रुपए दिए जाते हैं, इसलिए इस राशि को बढ़ाने का काम किया जाएगा। 3047 लोगों को पीएम आवास योजना में आवास दिलाने के लिए केंद्र सरकार को सूचना भेजी गई है। इस समुदाय का डेटा नहीं होने से योजना का लाभ मिलने में दिक्कत होती है। इसके लिए काम करना होगा।’

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