सेठानी घाट पर कार्तिक पूर्णिमा पर उमड़ी श्रद्धा की लहर, नर्मदा तट हुआ दीपों से आलोकित

नर्मदापुरम (प्रतीक पाठक)

पवित्र नदी नर्मदा के तट पर बसे ऐतिहासिक सेठानी घाट पर सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह से ही घाट पर स्नान और पूजा के लिए लोगों का तांता लगा रहा। “हर-हर नर्मदे” और “नर्मदा माता की जय” के जयघोष से पूरा वातावरण भक्तिमय बना रहा।सूर्योदय के साथ ही महिलाओं, पुरुषों और बुजुर्गों ने नर्मदा स्नान कर दान और पूजन का पुण्य अर्जित किया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा पर नर्मदा में स्नान करने से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद भगवान शिव, विष्णु और मां नर्मदा की आराधना की और दीपदान किया!नगर पालिका और प्रशासन ने घाट पर साफ-सफाई, रोशनी और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। पुलिस बल और गोताखोरों की टीम लगातार मुस्तैद रही। नगर पालिका कर्मचारियों ने दिनभर घाट की सफाई करते हुए श्रद्धालुओं को स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराया। वहीं, एनजीओ और समाजसेवी संगठनों ने सेवा शिविर लगाकर चाय, पानी और प्रसाद वितरित किया।शाम को हुई नर्मदा आरती के समय घाट का दृश्य देखते ही बनता था। हजारों दीपों से सजी लहरें मानो स्वर्गीय नजारा पेश कर रही थीं। श्रद्धालुओं ने दीप प्रवाहित कर मां नर्मदा से अपनी मनोकामनाएं मांगीं। बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी इस क्षण को अपने कैमरों में कैद करते नजर आए।कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर आसपास के गांवों और अन्य जिलों से भी बड़ी संख्या में लोग सेठानी घाट पहुंचे। फूल-माला, दीये और पूजा सामग्री की दुकानों पर दिनभर खरीदारों की भीड़ रही एसडीएम, पुलिस अधिकारी और नगर पालिका सीएमओ ने मौके पर पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से नर्मदा की स्वच्छता बनाए रखने और प्लास्टिक का उपयोग न करने की अपील की।कार्तिक पूर्णिमा का यह पर्व एक बार फिर यह संदेश दे गया कि आस्था और संस्कृति का असली स्वरूप नर्मदा तट पर ही जीवंत होता है। दीपों की रोशनी और श्रद्धा के वातावरण में नर्मदा तट साक्षात दिव्यता का अनुभव करा रहा था।

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