महात्मा गांधी और श्री नारायण गुरुदेव के ऐतिहासिक मिलन की 100वीं वर्षगांठ पर आयोजित “गुरुदेव-गांधी शताब्दी समारोह” का आयोजन 24 जून, 2025 (मंगलवार) को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में भव्य रूप से किया जाएगा।कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह 9 बजे शिवगिरी मठ और प्रार्थना संघ, दिल्ली के संन्यासियों द्वारा भजन, जप और ध्यान के साथ होगा।
मुख्य समारोह का उद्घाटन 11.00 बजे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया जाएगा।
अध्यक्षीय भाषण ब्रह्मश्री स्वामी सत्चिदानंद जी (अध्यक्ष, श्री नारायण धर्म संगम ट्रस्ट) द्वारा दिया जाएगा। श्रीमठ स्वामी शुभमगनंद जी (महासचिव, श्री नारायण धर्म संगम ट्रस्ट) का संबोधन भी होगा ।
जॉर्ज कुरियन केंद्रीय राज्य मंत्री, अल्पसंख्यक कार्य, मत्स्य पालन और डेयरी प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे ।
अडूर प्रकाश (सांसद) एवं राजीव चंद्रशेखर (पूर्व केंद्रीय मंत्री) समारोह को संबोधित करेंगे।इस ऐतिहासिक आयोजन में आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक संगठनों के प्रमुख प्रतिनिधि, संसद सदस्य एवं गणमान्य अतिथि बड़ी संख्या में शामिल।भोपाल के श्री नारायण गुरु समाज का प्रतिनिधित्व वाईस प्रेसिडेंट श्रीमती श्यामला सोमन कर रही है ।
श्रीमती श्यामला ने बताया की यह आयोजन महात्मा गांधी और गुरुदेव श्री नारायण के बीच 1925 में हुई ऐतिहासिक भेंट की स्मृति में आयोजित किया जा रहा है, जो भारतीय समाज में समरसता, समानता और शांति के मूल्यों की प्रेरणा बनकर आज भी प्रासंगिक है । उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी ने केरल की अपनी दूसरी यात्रा (1925) के दौरान श्री नारायण गुरु से उनके आश्रम (शिवगिरी मठ) में मुलाकात की।
गांधीजी की यात्रा का मुख्य उद्देश्य वैकोम सत्याग्रह का समर्थन करना और इसके प्रतिभागियों को संबोधित करना था। सत्याग्रह सरकार के उस फैसले के खिलाफ किया जा रहा था, जिसमें तथाकथित पिछड़े वर्गों को वैकोम मंदिर के आसपास की सार्वजनिक सड़कों का उपयोग करने से रोका गया था। गांधीजी ने सत्याग्रह आश्रम में दो दिन बिताए (9 और 10 मार्च 1925)। सत्याग्रह की ओर ले जाने वाली परिस्थितियों के बारे में जानने के बाद, गांधीजी ने रूढ़िवादी हिंदू नेता इंदंतुरुथु नंबूदरी के साथ उनके निवास पर एक बैठक की। गांधीजी ने रूढ़िवादी नेता के विचारों की आलोचना की और बताया कि समाज के एक वर्ग को उनके जन्म के आधार पर उनके मूल अधिकारों से वंचित करना अन्यायपूर्ण है।
“गुरुदेव की दृष्टि में विश्व शांति”
इस सत्र की अध्यक्षता भी ब्रह्मश्री स्वामी सत्चिदानंद करेंगे, जबकि उद्घाटन सुरेश गोपी (केंद्रीय राज्य मंत्री, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस एवं पर्यटन) करेंगे।
एन. के. प्रेमचंद्रन (सांसद) मुख्य वक्ता होंगे।
इस सत्र में कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रवासी भारतीय उद्योगपतियों एवं सामाजिक नेताओं को सम्मानित किया जाएगा।
अंतिम सत्र: “गुरुदेव-गांधी मिलन की ऐतिहासिकता एवं समकालीन प्रासंगिकता
इस सत्र का उद्घाटन दिल्ली की माननीय मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता करेंगी।
मुख्य अध्यक्षता भारत के महान्यायविद आर. वेंकटरामणी करेंगे।
सत्र में कई सांसद, सामाजिक कार्यकर्ता, वकील, संगठनों के अध्यक्ष एवं प्रमुख गणमान्य व्यक्ति भाग लेंगे।समापन संदेश ब्रह्मश्री स्वामी सत्चिदानंद द्वारा दिया जाएगा तथा धन्यवाद ज्ञापन पथीयूर रवि (अतिरिक्त महासचिव, श्री नारायण केंद्र, दिल्ली) द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा ।