दलबदलू विधायकों की निधि पर रोक लगाने स्पीकर को लेटर:कांग्रेस की मांग- बीजेपी जॉइन करने की तारीख से जारी ना की जाए विधायक निधि

एमपी में दलबदल की सियासत लगातार चल रही है। कांग्रेस ने बीना विधायक निर्मला सप्रे और विजयपुर विधायक रामनिवास रावत की विधायक निधि पर दलबदल करने की तारीख से ही रोक लगाने की मांग की है। एमपी कांग्रेस की ओर से विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर को पत्र भेजा गया है। सागर और श्योपुर जिलों के कलेक्टर्स को भी पत्र की कॉपी भेजी गई है।

एमपी कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने स्पीकर से मांग करते हुए लिखा है- कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर चुनाव जीतकर बीना और विजयपुर क्षेत्र के विधायकों ने सार्वजनिक रूप से भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। जो कि दल बदल कानून की वैधानिक परिधि में आती है। और विधायक पद के लिए अयोग्यता की परिधि में भी आता है। आप विधि के प्रदेश में सबसे बडे़ रक्षक और विधायिका के पालक हैं। जनप्रतिनिधित्व के क्षेत्र में शुचिता और नैतिकता को संरक्षण देने की आपसे अपेक्षा स्वाभाविक है।

एक चैतन्य नागरिक के रुप में आपसे विनम्र आग्रह है। कि ऐसे विधायक जब तक पुन: चुनकर विधायक नहीं बन जाते तब तक भाजपा में प्रवेश की तिथि से उनके विधायक निधि के उपयोग को पूर्ण रोक लगाकर नैतिक मूल्यों को संरक्षण दें।

5 मई को बीना विधायक ने थामा बीजेपी का दामन
लोकसभा चुनाव के दौरान सागर जिले की बीना विधानसभा सीट से कांग्रेस की विधायक निर्मला सप्रे ने सुरखी विधानसभा के राहतगढ़ में मुख्यमंत्री मोहन यादव के मंच पर पहुंचकर विधायक सप्रे ने भाजपा जॉइन कर ली थी। दो महीने बीतने के बाद भी निर्मला ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है।

कांग्रेस की ओर से की गई शिकायत पर विधानसभा सचिवालय ने बीना विधायक निर्मला सप्रे को नोटिस दिया है। 10 दिन में निर्मला को नोटिस का जवाब देने का समय दिया गया है।

श्योपुर जिले की विजयपुर सीट से छठवीं बार के कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने अप्रैल में सीएम डॉ मोहन यादव और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के समक्ष भाजपा जॉइन कर ली थी। 8 जुलाई को रावत ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।

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