
प्रतीक पाठक नर्मदापुरम-
कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने गुरुवार को केन्द्रीय जेल नर्मदापुरम का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने जेल डिस्पेंसरी, बंदी वार्ड, जेल विद्यालय और बंदी सेल का विस्तृत अवलोकन किया। जेल चिकित्सक डॉ. विपिन अहिरवार ने मानसिक रोगियों की स्थिति, गंभीर बीमारियों का उपचार, मेडिकल कैंप, ई-संजीवनी और दवाई वितरण जैसी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की।कलेक्टर ने दंडित एवं विचाराधीन बंदियों से रहन-सहन, भोजन और मामलों से जुड़ी जानकारी ली, जिसमें किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई। जेल विद्यालय में प्रदेश के प्रथम महिला बंदी स्वसहायता समूह—अंजनी स्वसहायता समूह—की सदस्यों ने उनका स्वागत किया। इस दौरान विचाराधीन महिला बंदी लालबेन हिमी द्वारा बनाई गई स्केच पेंटिंग भेंट की गई। महिला एवं पुरुष बंदियों द्वारा निर्मित कपड़े के थैले, पेंटिंग, बांस का सोफा, खिलौने, नमकीन, अचार, मोरिंगा पाउडर आदि की प्रदर्शनी का अवलोकन कर कलेक्टर ने सराहना की।इसके पश्चात कलेक्टर की अध्यक्षता में बंदी स्वरोजगार एवं कौशल विकास प्रशिक्षण की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में रिहा अथवा रिहाई के निकट बंदियों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए भेजे गए ऋण प्रकरणों की समीक्षा की गई। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि बैंकों द्वारा रिहा बंदियों के ऋण प्रकरण शीघ्र स्वीकृत किए जाएँ तथा संबंधित विभाग लंबित मामलों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें। साथ ही जेल विभाग को अधिक से अधिक रिहा बंदियों से संपर्क कर ऋण प्रकरण बढ़ाने के निर्देश दिए गए।अब तक 2456 बंदियों/रिहा बंदियों को विभिन्न संस्थाओं द्वारा प्रशिक्षण दिया जा चुका है। नवंबर–दिसंबर 2025 में 680 बंदियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य निर्धारित है, जिसमें कृषि, उद्यानिकी, ब्यूटी पार्लर, मेहंदी, मशरूम उत्पादन, बाइक मैकेनिक, बैंड प्रशिक्षण एवं इलेक्ट्रिकल वायरिंग प्रमुख हैं। वर्तमान में 93.37% बंदियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है।बैठक में जेल अधीक्षक श्री संतोष सोलंकी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।