किसानों की जमीनी समस्याओं को सोशल मीडिया के माध्यम से मुखर रूप से उठाने वाले सिराली निवासी सोशल इंफ्लुएंसर लखन पटेल (L. Patel) ने आज सिवनी मालवा–बनापुरा कृषि उपज मंडी का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने मंडी परिसर में मौजूद किसानों से सीधे संवाद कर खाद वितरण, फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लेकर विस्तृत चर्चा की।इस पहल को किसानों ने सकारात्मक कदम बताते हुए अपनी समस्याएं खुलकर सामने रखीं।मंडी में मौजूद किसानों ने बताया कि वर्तमान कृषि सत्र में खाद की उपलब्धता समय पर नहीं हो पा रही है। कई किसानों ने आरोप लगाया कि खाद वितरण केंद्रों पर अव्यवस्था के चलते उन्हें घंटों लाइन में लगना पड़ता है, फिर भी कई बार खाद समाप्त हो जाती है।इससे बोवाई और फसल प्रबंधन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। किसानों ने खाद वितरण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने और छोटे किसानों को प्राथमिकता देने की मांग रखी।एमएसपी के मुद्दे पर किसानों की नाराज़गी स्पष्ट रूप से देखने को मिली। किसानों का कहना था कि सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य और मंडी में मिल रहे वास्तविक दामों में बड़ा अंतर है। इससे उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही है। इस विषय पर लखन पटेल ने किसानों से कहा कि एमएसपी तभी प्रभावी होगी, जब इसे स्वामीनाथन आयोग के C2 + 50% फॉर्मूले के आधार पर लागू किया जाए और सरकारी खरीदी की ठोस गारंटी दी जाए।लखन पटेल ने चर्चा के दौरान कहा, किसान देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, लेकिन उसे आज भी अपनी मेहनत का पूरा मूल्य नहीं मिल पा रहा है। जब तक स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें पूरी तरह लागू नहीं होतीं, तब तक किसानों की आय में वास्तविक सुधार संभव नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य किसी के खिलाफ आंदोलन करना नहीं, बल्कि किसानों की समस्याओं को तथ्यात्मक रूप से सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना है।स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लेकर किसानों में विशेष रुचि देखने को मिली। किसानों को बताया गया कि आयोग ने फसल की कुल लागत (बीज, खाद, श्रम, सिंचाई, भूमि किराया आदि) पर 50 प्रतिशत लाभ जोड़कर MSP तय करने की सिफारिश की थी। इसके अलावा, आयोग ने सरकारी खरीद की गारंटी, समय पर खाद-बीज की उपलब्धता, प्राकृतिक आपदाओं में पूर्ण मुआवजा और किसान क्रेडिट कार्ड पर कम ब्याज दर वाले ऋण की भी सिफारिश की है।मंडी में मौजूद किसानों ने लखन पटेल की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से उनकी आवाज़ अब व्यापक स्तर पर पहुंच रही है। किसानों का मानना है कि इस तरह की ग्राउंड रिपोर्टिंग से प्रशासनिक स्तर पर भी दबाव बनेगा और समस्याओं के समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।अंत में लखन पटेल ने कहा कि वे आगे भी प्रदेश की विभिन्न मंडियों और गांवों में जाकर किसानों से संवाद करते रहेंगे और उनकी समस्याओं को जिम्मेदार मंचों तक पहुंचाने का प्रयास जारी रखेंगे। इस दौरान किसानों ने एक स्वर में खाद वितरण व्यवस्था सुधारने, MSP को स्वामीनाथन आयोग के अनुरूप लागू करने और सरकारी खरीदी को प्रभावी बनाने की मांग दोहराई।
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