बांग्लादेश में आतंकियों पर मेहरबान हुई मोहम्मद यूनुस सरकार, अल-कायदा से जुड़े संगठन का प्रमुख रिहा, सभी मामले रद्द किए गए

ढाका: बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से ही कट्टरपंथियों पर लगाम ढीली होने लगी है। इसका एक उदाहरण तब देखने को मिला जब एक आतंकी को जेल से रिहा कर दिया गया। अंसारुल्लाह बांग्ला टीम जो अल-कायदा से प्रेरित आतंकी संगठन है, जिसे अब अंसार अल इस्लाम के नाम से जाना जाता है उसके प्रमुख मुफ्ती जाशिमुद्दीन रहमानी को सोमवार को रिहा कर दिया गया। गाजीपुर के काशिमपुर की हाई सिक्योरिटी सेंट्रल जेल से उसे रिहा कर दिया गया। आतंकी संगठन बांग्लादेश में ब्लॉगर्स और अन्य लोगों की हत्या करता रहा है।

रहमानी खु ब्लॉगर राजीब हैदर हत्याकांड में एक सजायाफ्ता अपराधी है। जशीमुद्दीन रहमानी को सोमवार की सुबह करीब 11:15 बजे जेल से रिहा किया गया। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक काशीमपुर हाई सिक्योरिटी जेल के डिप्टी जेलर रेजाउल करीम ने इसकी पुष्टि की है। 15 फरवरी 2013 की रात राजधानी के पल्लबी के पलाशनगर में राजीब हैदर की उनके घर के सामने हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद राजीब के पिता ने पल्लबी थाने में हत्या का मामला दर्ज कराया था।

आतंकवाद का मामला किया गया था दर्ज

जसीमुद्दीन रहमानी को 12 अगस्त 2013 को बरगुना से गिरफ्तार किया गया था। ढाका की एक अदालत ने हत्या के मामले में उसे पांच साल के जेल की सजा सुनाई। इसके अलावा, उसे कुल चार मामलों का सामना करना पड़ा, जिनमें आतंकवाद विरोधी और सूचना और संचार टेक्नोलॉजी कानूनों के तहत मामले भी शामिल थे। काशिमपुर जेल के डिप्टी जेलर रेजाउल करीम ने कहा कि रहमानी को 6 फरवरी 2008 को उत्तर पश्चिम पुलिस स्टेशन में आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में जमानत दी गई थी। रविवार को उसे जमानत दी गई। उसके खिलाफ अन्य मामले वापस ले लिए गए हैं। जमानत दस्तावेजों की जांच के बाद उसे रिहा किया गया।

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