नक्सलवाद के सफाए की दिशा में प्रदेश को बड़ी सफलता।

मध्यप्रदेश सरकार की नक्सल उन्मूलन रणनीति को बड़ी उपलब्धि मिली है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में नक्सलवाद के सफाए की दिशा में एक महत्वपूर्ण सफलता तब दर्ज हुई, जब रविवार को बालाघाट जिले में 10 नक्सलवादियों ने औपचारिक रूप से आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। आत्मसमर्पण करने वालों में 4 महिला नक्सलवादी भी शामिल हैं, जिन पर कई गंभीर वारदातों में शामिल होने के आरोप रहे हैं।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सामने हुए इस सामूहिक आत्मसमर्पण कार्यक्रम को सुरक्षा एजेंसियों और राज्य सरकार के लिए बड़ा मनोबल बढ़ाने वाला कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने नक्सलवादियों को मुख्यधारा में लौटने के निर्णय के लिए सराहा और कहा कि राज्य सरकार विकास, सुरक्षा और संवाद—तीनों मोर्चों पर समान रूप से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नक्सलवाद के खात्मे के लिए सरकार किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करेगी।आत्मसमर्पित नक्सलवादियों ने पुलिस के समक्ष भारी मात्रा में हथियार भी जमा कराए। इनमें AK-47 की 2 रायफलें, INSAS की 2 रायफलें, SLR की 1 रायफल, SSR की 2 गन, BGL के 7 सेल और 4 वॉकी-टॉकी सेट शामिल हैं। ये हथियार नक्सली गतिविधियों में लंबे समय से उपयोग किए जा रहे थे। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इतने हथियारों का एक साथ जमा होना इस क्षेत्र में नक्सलियों की कमज़ोर होती पकड़ को दर्शाता है।सूत्रों के अनुसार, प्रदेश में चल रही प्रभावी सामाजिक पुनर्वास नीति, सुरक्षा बलों का लगातार दबाव और सरकार द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से हो रहा विकास—इन तीनों ने मिलकर नक्सलवादियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को शासन की पुनर्वास योजना के तहत सुविधा दी जाएगी, ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें और समाज का उत्पादक हिस्सा बन सकें।उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार की नीति दोतरफा है—मुख्यधारा में लौटने वालों का स्वागत, लेकिन हिंसा का रास्ता अपनाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई।बालाघाट का यह सामूहिक आत्मसमर्पण प्रदेश में नक्सलवाद की कमर तोड़ने की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है। सुरक्षा बलों को उम्मीद है कि इसके बाद अन्य नक्सली समूह भी आत्मसमर्पण के लिए आगे आएंगे, जिससे क्षेत्र में पूरी तरह शांति स्थापित की जा सकेगी।

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