सरकारी भूमि पर सागौन कटाई मामले में बड़ी कार्रवाई, 81 पेड़ों की अवैध कटाई प्रमाणित

सिवनी मालवा (पवन जाट)

सिवनी मालवा अनुविभाग के बड़ा झाड़ क्षेत्र में स्थित शासकीय भूमि पर सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई के मामले में प्रशासन द्वारा बड़ी कार्रवाई सामने आई है। यह कार्रवाई पर्यावरण प्रेमी चंद्रशेखर बाथव द्वारा 13 अगस्त 2024 को जनसुनवाई में प्रस्तुत किए गए शिकायती आवेदन के आधार पर की गई है। शिकायत के लगभग 16 माह बाद जांच प्रक्रिया पूर्ण कर अवैध कटाई की पुष्टि की गई है। शिकायत में उल्लेख किया गया था कि खसरा नंबर 140/14 एवं 140/1 की शासकीय भूमि पर बड़ी संख्या में सागौन के पेड़ों की नियमविरुद्ध कटाई की गई है। प्रशासन द्वारा कराई गई जांच में शिकायत सही पाई गई, जिसमें कुल 81 सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई प्रमाणित हुई है। जांच रिपोर्ट के अनुसार यह कटाई सुनियोजित तरीके से की गई और इसमें नियमों का खुला उल्लंघन किया गया। जांच के दौरान यह तथ्य भी सामने आया कि भोले-भाले आदिवासी किसानों के नाम पर अनुमति प्राप्त कर एक ठेकेदार द्वारा सागौन की कटाई कराई गई। कटे हुए सागौन की लकड़ी पर वन विभाग से हैमर मार्क एवं ट्रांजिट परमिट जारी कराकर उसी लकड़ी को वन विभाग को ही बेच दिया गया। नियमानुसार किसानों को निजी उपयोग के लिए दो घन मीटर लकड़ी दी जानी थी, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह लकड़ी भी ठेकेदार द्वारा बेच दी गई। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अवैध रूप से काटे गए सागौन की लकड़ी की अनुमानित कीमत 20 लाख रुपये से अधिक बताई जा रही है। आदिवासी किसानों के खातों में जो राशि जमा हुई, उसे ठेकेदार और संबंधित किसानों के बीच आपसी सहमति से बांट लिया गया। बताया जा रहा है कि किसानों को कुल राशि का मात्र 20 से 30 प्रतिशत हिस्सा ही प्राप्त हुआ, जबकि शेष राशि ठेकेदार द्वारा रख ली गई। इस पूरे मामले में शासन को लाखों रुपये के राजस्व नुकसान की संभावना जताई जा रही है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए वन विभाग के वन मंडल अधिकारी ने सिवनी मालवा के अनुविभागीय अधिकारी को पत्र भेजकर विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है। कार्रवाई के बाद क्षेत्र में अवैध कटाई से जुड़े लोगों में हड़कंप मचा हुआ है और प्रशासन द्वारा आगे और सख्त कदम उठाए जाने की संभावना जताई जा रही है।

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