जिला स्वस्थ समिति की बैठक संपन्न: पीएम मातृ वंदना योजना के लाभ से कोई भी पत्र महिला वंचित न रहे – कलेक्टर

प्रतीक पाठक नर्मदापुरम –

गुरुवार को कलेक्टर सोनिया मीना की अध्यक्षता में कलेक्टर कार्यालय के सभा कक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति सहित महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान कलेक्टर ने विभागीय योजनाओं, स्वास्थ्य कार्यक्रमों आदि की विस्तार पूर्वक समीक्षा कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा है कि विभागीय योजनाओं में जितने भी लक्ष्य शेष बचे हुए हैं उन्हें प्राप्त करने के लिए पूरी लगन एवं रुचि लेकर कार्य करें। सीएचसी एवं पीएचसी केंद्रों पर डॉक्टर की उपलब्धता की सूची तथा समय की जानकारी आवश्यक रूप से चस्पा करें। सभी बीएमओ स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक सुविधाएं की उपलब्धता के संबंध में समय-समय पर निरीक्षण करते रहें साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से अस्पतालों के गार्डों आदि का पुलिस वेरिफिकेशन करवाना भी सुनिश्चित करें।

कलेक्टर ने जिले में अप्रैल 24 से दिसंबर 24 तक की अवधि के दौरान गर्भवती माता की पंजीयन की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने सभी बीएमओ को निर्देशित किया है कि एएनसी पंजीयन के लिए कोई भी गर्भवती महिला वंचित नहीं रहे इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा है कि इसकी जानकारी भी विभागीय पोर्टल पर नियमित रूप से अद्यतन की जाती रहे। किसी भी प्रकार के टेक्निकल इश्यू आने पर उनका समय रहते निराकरण किया जाए। कलेक्टर ने ए एन सी रजिस्ट्रेशन तथा प्रसव के मामले में लक्ष्य के अनुरूप पीछे चल रहे सोहागपुर एवं माखन नगर स्वास्थ केंद्र प्रभारियों को निर्देश दिए है की इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए। सभी पीएचसी एवं सीएचसी प्रयास करे की अधिक से अधिक गर्भवती माताओं की डिलीवरी सेंटर्स पर ही हो। इसके लिए स्वास्थ सुविधाओ का विस्तार करें।

बैठक के दौरान कलेक्टर ने जिले में यूविन पोर्टल पर उपलब्ध डाटा के अनुसार ब्लॉक वार कुल बच्चों जिनकी जांच हो चुकी है परंतु उनका टीकाकरण न होने की समीक्षा कर निर्देश दिए हैं कि सभी बीएमओ इस संबंध में आवश्यक जांच कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें कि बच्चे जांच के बाद भी टीकाकरण से क्यों वंचित रहे।

पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने सीडीपीओ एवं बीएमओ को निर्देशित किया है कि संयुक्त रूप से एनआरसी के लिए चिन्हित बच्चों के संबंध में उचित एवं प्रभावी कार्य योजना तैयार करें। उल्लेखनीय है कि पोषण पुनर्वास केंद्र स्वास्थ्य सुविधा में एक इकाई है, जहाँ 1 महीने से 05 वर्ष की आयु के गंभीर तीव्र कुपोषण (एसएएम) से पीड़ित बच्चों को भर्ती किया जाता है और उनका प्रबंधन किया जाता है।

कलेक्टर ने सभी बीएमओ को निर्देश दिए हैं कि गर्भवती महिलाएं तथा प्रसुताओं को समय-समय पर उचित काउंसलिंग भी उपलब्ध करवाते रहें। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए भी माता की उचित काउंसलिंग की जाए। इसके लिए बीएमओ लेवल पर नियमित रूप से इस प्रकार की घटनाओ के पीछे क्या कारण रहे हैं उनकी विस्तृत समीक्षा कर रिपोर्टिंग की जाती रहे। उन्होंने कहा है कि इस दिशा में सभी स्वास्थ्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सुधारात्मक उपाय और कठोर कार्रवाई करने की आवश्यकता है।

कलेक्टर ने इस दौरान ब्लॉक स्तर पर लंबित सीएम हेल्पलाइन शिकायतों की भी समीक्षा की उन्होंने स्पष्ट निर्देशित किया है कि आगामी 10 दिवसों में सभी शिकायतों का निराकरण किया जाए तथा कोई भी ब्लॉक ए ग्रेड से नीचे ना रहे इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए।

कलेक्टर ने जिले में संचालित कुल एंबुलेंस की संख्या तथा उनके परिचालन की भी समीक्षा की उन्होंने सीएमएचओ नर्मदा पुरम को निर्देशित किया है कि एंबुलेंस की उपलब्धता के ऊपर स्वास्थ्य विभाग का पूर्ण नियंत्रण रखा जाए जिससे की आवश्यकता पड़ने पर एंबुलेंस का मूवमेंट प्रभावित क्षेत्रों में आसानी से हो सके। इसके लिए नियमित समीक्षा की जाती रहे तथा एंबुलेंस चालकों को भी समय-समय पर ट्रेनिंग तथा उनकी स्क्रीनिंग भी की जाए। एचएमपीव्ही वायरस पर सभी संस्था प्रभारी को सतर्क रहने एवं सभी सुविधाएं व्यवस्थित करने के निर्देश दिए।

महिला बाल विकास विभाग अंतर्गत पीएम मातृ वंदना योजना की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिले में पात्र प्रसुताओं को योजना के लाभ से लाभान्वित किया जाना सुनिश्चित किया जाए। कोई भी पात्र माता इस योजना के लाभ से वंचित न रहे इस बात का विशेष ध्यान रखा। महिला एवं बाल विकास विभाग इसके लिए संबंधित ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर से समन्वय कर प्रसुताओं की जानकारी प्राप्त करें तथा पोर्टल से मिलान कर शेष बची हुई माता को योजना का लाभ उपलब्ध करवाए। उन्होंने बैठक के दौरान लाडली लक्ष्मी योजना अंतर्गत लंबित आवेदनों के निराकरण किया जाने के भी निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा है कि तत्‍संबंध जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के साथ समन्वय कर जन्म प्रमाण पत्र समग्र आदि में आ रही दिक्कतों के निराकरण करवाए जाएं। उन्होंने पोषण ट्रैक्टर पोर्टल के अनुसार जिले में पंजीकृत बच्‍चों की जानकारी की भी समीक्षा की। बैठक में कलेक्टर ने बाल देखरेख संस्थाओं का समय-समय पर सघन निरीक्षण किए जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देशित किया है की रिमोट क्षेत्र में अभियान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें तथा सीएम हेल्पलाइन की 50 दिवस से अधिक लंबित शिकायतों का भी शीघ्र निराकरण सुनिश्चित करें।

बैठक में डिप्टी कलेक्टर डॉ बबीता राठौर सीएमएचओ डॉक्टर दिनेश देहलवार, जिला कार्यक्रम अधिकारी ललित डेहरिया, समस्त जिला स्वास्थ्य कार्यक्रम अधिकारी, सिविल सर्जन, समस्त ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर, समस्त सीडीपीओ,एएसओ, मीडिया प्रभारी,बीईई बीपीएम बीसीएम ऑपरेटर उपस्थित रहे।

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