
प्रतीक पाठक नर्मदापुरम-
शहर के गुप्ता ग्राउंड में चल रही भव्य श्रीराम कथा के आठवें दिवस आचार्य कौशिक जी महाराज ने केवट संवाद, भरत संवाद, श्रवण कुमार की लीला तथा भगवान राम की अन्य दिव्य लीलाओं का हृदयस्पर्शी वर्णन किया। कथा के दौरान महाराज श्री ने मंच पर नन्हे-मुन्ने बच्चों को बुलाकर स्नेहपूर्वक दुलार किया और उन्हें उज्ज्वल भविष्य का आशीर्वाद दिया।महाराज श्री ने अपने प्रवचन में कहा कि भगवान राम ने केवट को अपनी अनन्य भक्ति का वरदान दिया, क्योंकि केवट के हृदय में काम, क्रोध और लोभ जैसे तीन प्रमुख दोष नहीं थे। उन्होंने बताया कि जिस हृदय में ये दोष नहीं होते, भगवान स्वयं वहाँ विराजमान हो जाते हैं। इसी कारण प्रभु श्रीराम ने केवट की साधारण-सी नाव में बैठकर गंगा पार की।उन्होंने भावपूर्ण ढंग से वर्णन किया कि माता सीता ने गंगा पार करवाने के उपरांत केवट को उतराई में अंगूठी भेंट की। इस प्रसंग की महिमा बताते हुए महाराज श्री ने कहा कि कभी भी किसी की नाव की उतराई, बालों की कटाई और कपड़ों की धुलाई नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि ये कार्य सेवा भाव से किए जाते हैं।कथा के दौरान श्रवण कुमार, भगवान भोलेनाथ एवं प्रयागराज के अन्य प्रेरणादायक प्रसंग भी प्रस्तुत किए गए, जिनसे उपस्थित श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे।कथा के आरंभ में नर्मदांचल पत्रकार संघ के अध्यक्ष प्रफुल्ल तिवारी के मार्गदर्शन में महाराज श्री का नर्मदा चित्र एवं माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। स्वागत बेला में पत्रकार विजय कुंभारे, प्रदीप गुप्ता, दयाराम फौजदार, मनोज चौरे, नेहा थापक, कन्हैयालाल वर्मा, गोविंद चौधरी, महेश यादव सहित कई पत्रकार साथी उपस्थित रहे।कार्यक्रम में आचार्य पंडित सोमेश परसाई, आचार्य नीरजेश त्रिपाठी, आचार्य अजय दुबे, सोहागपुर विधायक विजयपाल सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष नीतू यादव, समाजसेवी नीरजा फौजदार सहित गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में भक्तगण शामिल हुए।श्रीराम कथा का समापन कल विराम दिवस पर होगा,कथा प्रातः 5:00 से 8:00 बजे तक आयोजित की जाएगी।
