सिवनी मालवा (पवन जाट)
नर्मदापुरम संभाग के कमिश्नर के.जी. तिवारी ने सोमवार को सिवनी मालवा तहसील कार्यालय का आकस्मिक निरीक्षण किया। कमिश्नर के अचानक पहुंचने से कार्यालय में कुछ समय के लिए अफरा-तफरी जैसा माहौल बन गया। कई कर्मचारी तुरंत अपनी सीटों पर पहुँचकर दस्तावेज़ व्यवस्थित करते दिखाई दिए।कमिश्नर तिवारी ने निरीक्षण की शुरुआत नायब नाजिर शाखा से की, जहाँ उन्होंने पटवारियों से जुड़े वेतन अभिलेख, उपस्थिति रजिस्टर, राजस्व प्रकरणों की स्थिति और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों की विस्तृत जाँच की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी कर्मचारी प्रतिदिन ‘सार्थक ऐप’ में उपस्थिति दर्ज करें, ताकि पूरे राजस्व तंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।निरीक्षण के दौरान उन्होंने रिकॉर्ड रूम, नामांतरण-बंटवारा प्रकरण, लंबित मामलों की स्थिति और फाइलों के रख-रखाव की बारीकी से समीक्षा की। कुछ फाइलों के अनावश्यक रूप से रुके रहने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की और संबंधित अधिकारियों को समयसीमा में निपटान सुनिश्चित करने के आदेश दिए। कमिश्नर ने कहा कि देरी की वजह चाहे जो हो, नागरिकों को समय पर सेवा मिलना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है।तहसील कार्यालय से बाहर निकलते समय कमिश्नर तिवारी को ग्राम हरसूल के ग्रामीणों ने घेरकर एक लिखित शिकायत सौंपी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गाँव की गोचर भूमि पर कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों ने कब्ज़ा कर खेती कर ली है, जिससे पशुओं के लिए चराई क्षेत्र पूरी तरह खत्म हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि इस अवैध कब्ज़े को लेकर कई बार शिकायतें की गईं, परंतु अब तक कार्रवाई नहीं हुई। शिकायत को गंभीर मानते हुए कमिश्नर ने मौके पर ही एसडीएम सिवनी मालवा को तत्काल जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।इसी दौरान ग्रामीणों ने वृद्धजनों और पात्र लाभार्थियों को सम्मान निधि न मिलने की समस्या भी रखी। कमिश्नर ने आश्वासन दिया कि सभी लंबित मामलों की सूची बनाकर शीघ्र समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शासन की योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक समय पर पहुँचना ही सबसे बड़ी प्राथमिकता है।ग्रामीणों ने एक भ्रष्ट पटवारी के खिलाफ भी गंभीर शिकायत दर्ज कराई। इस पर कमिश्नर ने सख्त लहजे में कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और जांच में दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई तय है।कमिश्नर के इस निरीक्षण ने न केवल कर्मचारियों में जवाबदेही का संदेश दिया, बल्कि ग्रामीणों को भी यह भरोसा दिलाया कि उनकी आवाज अब सीधे उच्च प्रशासन तक पहुँच रही है।