नई दिल्ली: वित्तीय संकट से जूझ रहे जेपी ग्रुप ने अपनी प्रमुख कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स को दिवालियापन से बचाने के लिए ग्लोबल क्रेडिट फंड्स से संपर्क साधा है। ग्रुप की योजना Varde Partners, Ares, Cerberus और Hillhouse वैश्विक क्रेडिट फंड्स से 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की है। इस मुहिम की अगुवाई जेपी ग्रुप के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन और सीईओ मनोज गौड़ कर रहे हैं। आईसीआईसीआई बैंक की अगुवाई में बैंकों ने जयप्रकाश एसोसिएट्स के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू करने के लिए के एक याचिका डाली थी जिसे नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने 3 जून को स्वीकार कर लिया था। ग्रुप ने अपनी फ्लैगशिप कंपनी को दिवालिया होने से बचाने की मुहिम तेज कर दी है। हालांकि जानकारों का कहना है कि लैंड अथॉरिटीज के साथ जयप्रकाश एसोसिएट्स के विवाद क्रेडिट फंड्स के साथ बातचीत में बाधा बन सकते हैं।
48,000 करोड़ का कर्ज… दिवालिया होने से कैसे बच पाएगी जेपी ग्रुप की यह कंपनी?

जेएएल और क्रेडिट फंड्स के बीच बातचीत से अवगत एक व्यक्ति ने कहा कि कंपनी के कर्ज पर मूलधन का भुगतान 2037 में होना है। वे अपनी उधारी को रिफाइनेंस करने के लिए फंड्स जुटाने की कोशिश में हैं। साथ ही कर्ज को कम करने के लिए एसेट्स बिक्री की भी तैयारी है। कंपनी के पास नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर रियल एस्टेट, सीमेंट प्लांट, रेजिडेंशियल बिल्डिंग्स, होटल और एक अस्पताल के अलावा फॉर्मूला वन रेस ट्रैक भी है। जेपी ग्रुप, Varde Partners, Cerberus और Hillhouse ने ईटी के सवालों का जवाब नहीं दिया। Ares ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।