मलयालम सिनेमा में औरतों के शोषण के 17 तरीके:हेमा कमेटी की रिपोर्ट- सेक्शुअल डिमांड पूरी नहीं की तो टॉर्चर

फरवरी 2017 में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की एक एक्ट्रेस के साथ चलती कार में सेक्शुअल हैरेसमेंट हुआ। इस घटना के पीछे एक्टर दिलीप का नाम सामने आया, जिसके बाद मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार पर कई लोगों ने आवाज उठानी शुरू की।

इस घटना के बाद सरकार ने हेमा कमेटी का गठन किया। इस कमेटी ने दिसंबर 2019 में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी, जो 5 साल बाद अब सामने आई है।

इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिन्होंने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को हिलाकर रख दिया है। आइए जानते हैं कि क्या है ये हेमा कमेटी रिपोर्ट जो इन दिनों सुर्खियों में है।

हेमा कमेटी की रिपोर्ट से सामने आईं 10 बड़ी बातें

1) सेक्शुअल हैरेसमेंट सबसे बड़ी समस्या
इंडस्ट्री में महिलाओं की सबसे बड़ी समस्या सेक्शुअल हैरेसमेंट है। कई बार महिलाएं इस बारे में खुलकर बात करने से डरती हैं। उन्हें लगता है कि अगर मुंह खोला तो उन्हें इंडस्ट्री में बैन कर दिया जाएगा और उन्हें कोई काम नहीं देगा। यहां तक कि कई महिला आर्टिस्ट कमेटी के सामने भी कुछ कहने से हिचकिचा रही थीं।

2) इंडस्ट्री के कई बड़े नाम भी हैरेसमेंट में शामिल
महिलाओं के मुताबिक, हैरेसमेंट बहुत ही शुरुआती लेवल से शुरू हो जाता है। डायरेक्टर, प्रोड्यूसर से लेकर प्रोडक्शन कंट्रोलर तक इसमें शामिल होते हैं।

अगर कोई महिला काम के लिए प्रोडक्शन कंट्रोलर या किसी व्यक्ति को अप्रोच करती है तो उसे सेक्शुअल फेवर के बारे में बता दिया जाता है।

एडजस्टमेंट और कॉम्प्रोमाइज मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के बीच बेहद आम शब्द हैं। महिला आर्टिस्ट्स द्वारा दिए गए सबूतों के आधार पर ये मानना पड़ा कि इंडस्ट्री के बड़े लोग भी इसमें शामिल हैं।

3) न्यूकमर्स के सामने बनी इंडस्ट्री की खराब इमेज
मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की इमेज ऐसी बना दी गई है कि अगर न्यूकमर्स को यहां जगह बनानी है तो उन्हें सेक्शुअल फेवर देने ही होंगे जबकि ऐसा नहीं है।

कई डायरेक्टर-प्रोड्यूसर ऐसे भी हैं जो महिलाओं के साथ बहुत अच्छा बर्ताव करते हैं या सेट पर उनकी सेफ्टी का बहुत ध्यान रखते हैं।

कई महिला आर्टिस्ट्स ने कमेटी के सामने उन लोगों के नाम लिए जो महिलाओं को वर्कप्लेस पर बहुत इज्जत देते हैं।

4) पुरुष खुलेआम करते हैं सेक्स की डिमांड
मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में ज्यादातर मेल आर्टिस्ट्स ये सोच रखते हैं कि अगर महिलाएं फिल्मों में इंटिमेट सींस देने में कंफर्टेबल हैं तो वो ऑफ सेट भी ऐसा करने को तैयार हो जाएंगी। इस वजह से इंडस्ट्री में पुरुष महिलाओं से खुलेआम सेक्स की डिमांड करते हैं।

कई महिलाओं ने इसके सबूत दिखाते हुए वीडियो क्लिप्स, ऑडियो क्लिप्स, स्क्रीनशॉट्स और वॉट्सएप मैसेजेस भी दिखाए। महिलाओं ने इस मसले पर जोर देकर कहा कि सिनेमा में ये सिचुएशन खत्म होनी चाहिए।

हेमा कमेटी रिपोर्ट सामने आने के बाद क्या-क्या हुआ?

रिपोर्ट सामने आने के बाद मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाली कई महिला आर्टिस्ट्स अपने साथ हुई यौन शोषण की घटनाओं का जिक्र कर रही हैं।

बंगाली एक्ट्रेस श्रीलेखा ने मलयालम फिल्ममेकर रंजीत के खिलाफ यौन शोषण और रेप की शिकायत की जिसके बाद रंजीत को केरल चलचित्र अकादमी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा।

एक्ट्रेस रेवती संपत के आरोपों के बाद एक्टर सिद्दीकी ने एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (AMMA) के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया।

AMMA के महासचिव एक्टर सिद्दीकी और जॉइंट सेक्रेटरी बाबूराज पर लगे सेक्शुअल एब्यूज के आरोपों के बाद प्रेसिडेंट मोहनलाल समेत 17 लोगों ने इस्तीफा दे दिया।

एक्ट्रेस मीनू मुनीर ने मलयाली एक्टर और CPI (M) से कोल्लम के विधायक मुकेश एम. के खिलाफ सेट पर यौन शोषण का आरोप लगाया जिसके बाद एक्टर जयसूर्या समेत 7 लोगों के खिलाफ धारा 354 के तहत मामला दर्ज हुआ। इन सभी आरोपियों का जिक्र मीनू ने अपनी फेसबुक पोस्ट में किया था।

इन सभी मामलों की जांच SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) करेगी, जिसे 25 अगस्त को गठित किया गया है।

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