भोपाल। प्रदेश में मानसून की सक्रियता बरकरार है। फिलहाल मानसून द्रोणिका राजस्थान, यूपी से होकर गुजर रही है। इसके अलावा मप्र से सटे कुछ इलाकों में चक्रवाती परिसंचरण भी मौजूद हैं। इन मौसम प्रणालियों के असर से प्रदेश में नमी आने का सिलसिला बना हुआ है। इससे प्रदेश के कुछ हिस्सों में गरज-चमक के साथ भारी बारिश के आसार बने हुए हैं। वहीं कई इलाको में हल्की वर्षा हो सकती है।
वेदर सिस्टम एक्टिव, गुना, शिवपुरी समेत छह जिलों में पड़ सकती हैं तेज बौछारें

मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार को मप्र के गुना, शिवपुरी, मुरैना, श्योपुरकलां, बालाघाट और दमोह जिले में कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, बड़वानी, आलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच, अशोकनगर, ग्वालियर, दतिया, भिंड, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, पन्ना, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर, पांढुर्णा जिलों में भी हल्की बौछारें पड़ सकती हैं।
मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक मानसून द्रोणिका अब बीकानेर, दिल्ली, बरेली, लखनऊ, पटना, बांकुरा, दीघा से होकर गुजरते हुए पूर्व-दक्षिण-पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी के मध्य तक जा रही है। उत्तर-पूर्व राजस्थान और आसपास के इलाकों में चक्रवाती परिसंचरण मौजूद है। दक्षिण-पूर्व राजस्थान और पड़ोस पर चक्रवाती परिसंचरण से दक्षिण उत्तर प्रदेश, दक्षिण बिहार और गंगीय पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश तक समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर द्रोणिका बनी हुई है। दक्षिण-पूर्व पाकिस्तान और उससे सटे राजस्थान पर समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। गुजरात और आसपास भी एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। पश्चिमी बांग्लादेश पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि अलग-अलग स्थानों पर बनी इन मौसम प्रणालियों के असर से प्रदेश में रुक-रुककर वर्षा हो रही है। बुधवार को प्रदेश के कुछ हिस्सों में गरज-चमक के साथ तेज बौछारें पड़ सकती हैं। हालांकि बीच-बीच में कहीं-कहीं कुछ धूप भी निकलेगी, लेकिन वातावरण में नमी अधिक रहने के कारण तापमान बढ़ने पर हल्की बौछारें भी पड़ती रहेंगी।