ऑटिज़्म सिर्फ़ बच्चों को ही नहीं, बड़ों में भी हो सकता है: डिसऑर्डर के बारे में सब कुछ जानें

सुधांशु ग्रोवर ने कहा, “मेरे दो बेटे ऑटिस्टिक थे. मैं ऑटिस्टिक बच्चों के साथ काम करती हूं लेकिन मुझे कभी संदेह नहीं हुआ कि मैं खुद भी ऑटिस्टिक हो सकती हूं.” नई दिल्ली की सुधांशु को 40वें साल के क़रीब जाकर ऑटिस्टिक होने का पता चला.

व्यस्क होने के बाद ऑटिज़्म की चपेट में आने वाली एलिस रोवे भी बताती हैं, “यह एक तरह से मेरे पूरे जीवन का स्पष्टीकरण मिलने जैसा था.”

ब्रिटेन में रहने वाली एलिस रोवे बताती हैं, “अपने पूरे जीवन के दौरान मैं काफ़ी चिंतित महसूस करती थी, आसपास के लोगों से काफ़ी अलग महसूस करती थी. मुझे दूसरों की तुलना में अपना जीवन सहज नहीं लगता था.”

”ऐसे में मैं क्या महसूस कर रही थी, उसे एक नाम मिल जाने से काफ़ी मदद मिली क्योंकि बहुत सारे लोग इसी समस्या का सामना कर रहे हैं.”

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