मोदी सरकार भारत के ‘आख़िरी गाँव’ से चीन को देना चाहती है ये संदेश

मई 2020 में पूर्वी लद्दाख़ की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से ही दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण रहे हैं.

ऐसी स्थिति में जहाँ चीन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अरुणाचल प्रदेश की दो दिनों की यात्रा पर आपत्ति जताई है, वहीं अमित शाह ने बिना चीन का नाम लिए कहा है कि कोई भी भारत की ज़मीन का अतिक्रमण नहीं कर सकता.

अरुणाचल प्रदेश के अंजाव ज़िले के सीमावर्ती गाँव किबिथु में 4800 करोड़ रूपए की लागत वाले ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ की शुरुआत करते हुए अमित शाह ने कहा कि वो ज़माने चले गए, जब कोई भारत की भूमि का अतिक्रमण कर सकता था.

उन्होंने कहा कि आज सुई की नोंक जितनी भूमि का भी अतिक्रमण कोई नहीं कर सकता, क्योंकि आईटीबीपी और भारतीय सेना वहाँ मौजूद है.

पिछले कुछ समय में अरुणाचल प्रदेश को लेकर भी दोनों देशों के बीच विवाद सामने आया है. पिछले साल दिसंबर में दोनों देशों के सैनिकों की राज्य के तवांग सेक्टर में झड़प भी हुई थी.

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