प्रतीक पाठक, नर्मदापुरम
पर्यावरण सुघार हेतु कार्य करना सभी नागरिकों का दायित्व है, हमारी नवीन तथा प्रचीन जल संरचनायें महत्वपूर्ण धरोहर है। उनका रखरखाव अच्छे से हो जो जल संरचनायें है वह बहुउपयोगी हो यह सुनिश्चित करना होगा। यह बात मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत नर्मदापुरम श्री सोजान सिंह रावत द्वारा 31 जनवरी को आयोजित जिला वेटलैण्ड संरक्षण समिति की बैठक में कही गयी। सीईओ जिला पंचायत श्री रावत द्वारा बताया गया कि वह भूमि जो वर्षभर नमी में रहती है वहां अनैक जीव व औषधियों का संरक्षण रहता है। ऐसी भूमि वेटलैण्ड की श्रेणी में आती है एवं उसका संरक्षण आवश्यक है। ज्ञात हो कि प्रत्येक वर्ष 2 फरवरी को विश्व बेटलैण्डस दिवस आयोजित किया जाता है। इस अवसर पर जिले के पर्यावरण, संस्कृति और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण तालाबों पर जन सहायोग से किये जाने वाले कार्यो की रूपरेखा भी उक्त बैठक में तैयार की गयी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री रावत द्वारा सभी जनपद पंचायतों, नगरीय निकायों एवं जल व पर्यावरण से जुडे विभागों को निर्देश दिये गये कि वह 2 फरवरी को जनसहभागिता सुनिश्चित करते हुये पर्यावरण सुधार की गतिविधियां आयोजित करें। मनरेगा अंतर्गत जिले में निर्मित सभी 83 अमृत सरोवरों के समीप जनसहभागिता से गतिविधियां संचालित की जायेंगी।
बैठक में सबसे पहले सीईओ जिला पंचायत श्री रावत द्वारा सभी सदस्यों को वेटलैण्ड की अवधारणा वेटलेण्ड अधिनियम 2017 व जिला समिति के दायित्वों से अवगत कराया गया जिसके उपरांत जिला स्तरीय वेटलैण्ड समिति के सदस्य के रूप में वन विभाग, नगरीय निकाय, जल संसाधन विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, कृषि विभाग, मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों द्वारा उनके विभाग अंतर्गत वेटलैण्ड की संभावना रखने वाली संरचनाओं की जानकारी प्रस्तुत की गई। बैठक में विषय विषेषज्ञ के रूप में श्री डी.एस दांगी व डॉ. रागिनि सिकरवार द्वारा वेटलैण्ड भूमि के पहचान, वेटलैण्ड की उपयोगिता पारिस्थिमिक तंत्र में ऐसी भूमि की महत्ता की जानकारी प्रस्तुत की गई साथ ही श्री कनहैया गुरवानी द्वारा इटारसी में उनके द्वारा खेडा ग्राम में तालाब सुधार में किये गये कार्यो की जानकारी दी गई।