उज्जैन संवाददाता
उज्जैन के महाकाल मंदिर में लड्डू प्रसाद पैकेट पर मंदिर की फोटो का विवाद गहराता जा रहक है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने मंदिर समिति को तीन महीने में मामले का निराकरण करने के लिए कहा है। इस मामले में जस्टिस सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी और जस्टिस गजेंद्र सिंह की कोर्ट में सुनवाई हुई।
19 अप्रैल 2024 को महंत सुखदेवानंद ब्रह्मचारी गुरु श्रीमहंत योगानंद, ब्रह्मचारी श्री शंभु पंच अग्नि अखाड़ा इंदौर और पंडित शरद कुमार मिश्र, गुरु श्री स्वामी राधाकान्ताचार्य जी महाराज श्री दुर्गाशक्ति पीठ ने इंदौर हाई कोर्ट में याचिका लगाई। इसमें महाकाल मंदिर के लड्डू प्रसादी के पैकेट पर महाकाल मंदिर, ओंकारेश्वर और ऊँ छापने को गलत बताया गया। इसे हटवाने की मांग की है।
कोर्ट में तर्क- प्रसाद खाकर डिब्बे कूड़ेदान में फेंक देते हैं
याचिकाकर्ता के वकील अभीष्ट मिश्र ने बताया, ‘कोर्ट में बताया कि महाकाल मंदिर प्रबंध समिति लड्डू प्रसाद वितरण करती है। इसके बॉक्स पर महाकाल मंदिर का शिखर, जिसमें ॐ और शिखर के मध्य में नागचंद्रेश्वर मंदिर का फोटो लगा है। प्रसाद लेने के बाद लोग खाली पैकेट को डस्टबिन में फेंक देते हैं। अयोध्या में लाखों डिब्बे भेजे गए, जो बाद में कूड़ेदान में फेंक दिए गए। धर्म के हिसाब से यह अनुचित है।
कोर्ट में तर्क दिया गया कि वैष्णो देवी और अमृतसर में गोल्डन टेम्पल के प्रसाद में भी कोई चित्र नहीं रहता है। मंदिर के अधिनियम में भी कही नहीं लिखा कि डिब्बे को कैसे रिसाइकिल करेंगे।’
मंदिर समिति से लेकर पीएमओ तक शिकायत
याचिकाकर्ता के वकील अभीष्ट मिश्र ने बताया, ‘इसे लेकर दो बार मंदिर समिति को आवेदन दिया, लेकिन उन्होंने सुनवाई नहीं की। 11 अप्रैल 2024 को प्रशासनिक अधिकारियों से भी मिले। वहां से सिर्फ आश्वासन मिला। कार्रवाई नहीं हुई, तो पीएम मोदी से भी शिकायत की। पीएमओ कार्यालय से शिकायत सीएम हेल्प लाइन तक पहुंची, लेकिन यहां भी कह दिया गया कि मंदिर समिति में बात हो गई है। शिकायत का निराकारण जल्द हो जाएगा, लेकिन फिर भी कुछ नहीं हुआ’
फिर कोर्ट में लगाई याचिका
वकील मिश्र ने बताया कि इसके बाद 19 अप्रैल को हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका लगा दी। इस पर 24 अप्रैल को सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले को निराकरण के लिए मंदिर समिति को तीन महीने का समय दिया है। साथ ही, कहा है कि इसमें उचित कार्रवाई के बाद कोर्ट को अवगत कराया जाए। वहीं, उचित कदम नहीं उठाने पर दोबारा कोर्ट आने को भी कहा गया है।
मंदिर के प्रशासक मृणाल मीणा ने कहा कि याचिकाकर्ता के आवेदन आने के बाद समिति में इसे रखकर निर्णय लिया जाएगा। मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि श्रद्धालुओं को भी समय-समय पर समझाइश दे रहे हैं कि लड्डू प्रसादी के पैकेट को हर कहीं ना फेंकें।
समिति द्वारा श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल का लड्डू प्रसाद (शुद्ध घी और बेसन से निर्मित) बेचा जाता है। इसकी डिमांड न सिर्फ देश में, बल्कि विदेशों में भी है। रोजाना 50 से 60 क्विंटल लड्डू मंदिर समिति बनाती है। पर्व के दिन में अलग से बनाकर रख लिया जाता है। यह लड्डू प्रसाद 100 ग्राम, 200 ग्राम, 500 ग्राम और एक किलो के पैकेट में उपलब्ध रहते हैं। भगवान महाकाल का लड्डू प्रसाद 400 रुपए किलो में मिलता है। महाकाल मंदिर समिति प्रति माह 12 हजार लड्डू प्रसादी के पैकेट प्रिंट करवाती है।