रायपुर ब्युरो
रायपुर, 21-05-2024, छत्तीसगढ़ राज्य मानव अधिकार आयोग की अनुशंसा पर बाल संप्रेक्षण गृह, बिलासपुर में निरुद्ध किशोर, निखिल यादव की मौत के प्रकरण में दो लाख रूपये की क्षतिपूर्ति देने का आदेश जारी किया गया है|
ज्ञात हो प्रकरण में, इस आशय का उल्लेख हुआ था कि थाना सरकंडा, जिला बिलासपुर (छत्तीसगढ़) में निखिल यादव, उम्र 16 वर्ष की गिरफ्तारी अपराध क्रमांक 658/19 धारा 454, 380 भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत दर्ज की गई थी, एवं उसे केन्द्रीय जेल, बिलासपुर से दिनांक 26-07-2019 को शासकीय बाल संप्रेक्षण गृह, बिलासपुर स्थानान्तरित किया गया था, तथा दूसरे दिन प्रात: संप्रेक्षण गृह में अभिरक्षाधीन किशोरों की गिनती किये जाने पर निखिल यादव के नहीं पाए जाने पर उसे ढूंढा गया, एवं वह बाथरूम के समीप ही रौशनदान में फांसी लगाकर लटका हुआ मृत पाया गया|
आयोग द्वारा प्रकरण को संज्ञान में लिया जाकर, कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक, जिला बिलासपुर से इस सम्बन्ध में प्रतिवेदन आहूत किया गया| प्रकरण की जांच पृथक से सिटी मजिस्ट्रेट एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, जिला बिलासपुर द्वारा भी की गई|
आयोग ने प्राप्त प्रतिवेदनों, समस्त अभिलेख, साक्ष्य, शव परीक्षण की रिपोर्ट का परिशीलन कर पाया कि मृतक निखिल यादव की अभिरक्षा में हुई मौत में शासकीय बाल संप्रेक्षण गृह, बिलासपुर के संबंधित कर्मियों द्वारा अपने कार्यालयीन कर्तव्य में उपेक्षा बरती गई एवं इस प्रकरण में किशोर न्याय बालकों की देखरेख एवं संरक्षण आदर्श नियम, 2016 के नियमों की अनदेखी की गई है| किशोर न्याय बालकों की देखरेख एवं संरक्षण आदर्श नियम, 2016 के नियम 63 में बाल संप्रेक्षण गृह के हाउस फादर का यह कर्तव्य अधिरोपित किया गया है कि बालकों की उचित देखभाल करेंगे एवं अन्य कल्याण सुनिश्चित करेंगे, यह कर्तव्य भी उल्लेखित है कि बाल देख-रेख संस्था में सुरक्षा एवं संरक्षा की देखभाल करेंगे, परन्तु कार्य में घोर उपेक्षा कारित की गई है| विभागीय प्राप्त प्रतिवेदनों में यह भी उल्लेखित किया गया है कि तत्कालीन पदस्थ अधीक्षक सहित तीन अन्य कर्मियों पर भी विधिवत अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है|
आयोग द्वारा इस प्रकरण में अनुशंसा की गई थी कि राज्य में स्थित बाल संप्रेक्षण गृह में पदस्थ कर्मियों को किशोर न्याय अधिनियम, 2016 के प्रावधानों के तहत निश्चित अंतराल में प्रशिक्षण कराया जाये| राज्य के किसी भी संप्रेक्षण गृह में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो, यह सुनिश्चित हो एवं मृतक निखिल यादव के माता-पिटा को दो लाख रूपये क्षतिपूर्ति प्रदान की जावे|
आयोग की अनुशंसा के मुताबिक संबंधित विभाग द्वारा दो लाख रूपये क्षतिपूर्ति दिए जाने का आदेश जारी कर दिया गया है|