कलेक्टर ने की पलकमती नदी पुनर्जीवन की समीक्षा

प्रतीक पाठक, नर्मदापुरम

नर्मदापुरम सोहागपुर क्षेत्र में प्रवाहित होने वाली पलकमती नदी के पुनर्जीवन हेतु प्रशासन द्वारा सतत् प्रयास किये जा रहे हैं उक्त नदी का प्रवाह वर्ष भर संभव हो इस हेतु कलेक्टर सोनिया मीना द्वारा पूरी नदी के कैचमेंट का सर्वे करवाया जाकर ठोस कार्ययोजना बनवाई जा रही है, उक्त संबंध में शनिवार को कलेक्टर द्वारा बैठक आयोजित कर पलकमती पुनर्जीवन से जुड़े हुए विभागों द्वारा किये जा रहे कार्यों व विभागों की आगामी कार्ययोजना की समीक्षा की गई। बैठक में ग्रामीण विकास विभाग, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, सामान्य वनमण्डल एवं नगर पंचायत सोहागपुर द्वारा उनके विभाग की कार्ययोजना से कलेक्टर को अवगत कराया गया।*

*मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सोजान सिंह रावत द्वारा पलकमती नदी से संबंधित मूलभूत जानकारी प्रस्तुत की गई, जिसमें बताया गया कि नदी की कुल लम्बाई लगभग 52 कि.मी. है जिसमें 12 ग्राम पंचायतों के 18 ग्राम आते हैं, नदी का कुल कैचमेंट 203 वर्ग कि.मी. का है जिसमें राजस्व, वनविभाग, नगरीय क्षेत्र सभी का रकबा सम्मिलित है ।उनके द्वारा नदी के कैचमेंट में किये गये भ्रमण का ब्यौरा भी प्रस्तुत किया गया। जिसके उपरांत कलेक्टर मीना ने नदी पुनर्जीवन हेतु गठित जिला स्तरीय तकनीकी दल द्वारा नदी के कैचमेंट में किये गये भ्रमण की समीक्षा की गई एवं उनके द्वारा तैयार प्रस्तुतीकरण को देखा गया एवं निर्देश दिये गये कि नदी के कैचमेंट में रिज-टू-वैली अवधारणा के आधार पर तत्काल संरचनाओं की स्वीकृतियां की जाएं। जीआईएस मैपिंग के आधार पर संरचनाएं उन स्थलों पर चुनी जाएं जहां से संग्रहित किया हुआ पानी पलकमती के भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने में सहयोगी हो मनरेगा योजना से प्रत्येक ग्राम पंचायत का पृथक-पृथक वॉटर बजट तैयार कर कार्य प्रारंभ किया जाए।*

*पलकमती नदी के बहाव वाले सतपुड़ा टाइगर रिजर्व अंतर्गत आने वाले क्षेत्र की समीक्षा कलेक्टर द्वारा की गई एवं निर्देश दिये गये कि उक्त क्षेत्र पहाड़ी है व नदी के उद्गम में आता है अतः उक्त पहाड़ी क्षेत्र पर अधिक से अधिक कंटूरट्रेंच, गलिप्लग, गैवियन जैसी संरचनाएं स्वीकृत की जाए यदि वन विभाग में राशि का अभाव होता है तो कार्य मनरेगा योजना के तहत स्वीकृत कराये जाएं।*

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